अमृत काल में इस देश के युवा विकसित भारत के संकल्प के साथ काम करें : राज्यपाल

गुजरात यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह

- गुजरात यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह

अहमदाबाद, 19 जनवरी (हि.स.)। शुक्रवार को अहमदाबाद में आयोजित गुजरात यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह में गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति और राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अमृत काल में इस देश के युवा विकसित भारत के संकल्प के साथ काम करें। यह समय की मांग है कि युवा चाहे जिस भी क्षेत्र में काम करते हों, वे उस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य के साथ काम करें। 72वें दीक्षांत समारोह के दौरान दो समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। पहला एमओयू विमिन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स और गुजरात यूनिवर्सिटी के बीच तथा दूसरा एमओयू गुजरात यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों के नए संसद भवन के दौरे को लेकर किया गया।

समारोह में राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह कोई शिक्षांत समारोह नहीं है। विद्यार्थियों को जीवन भर सीखते रहना चाहिए और ज्ञान में अभिवृद्धि करते रहना चाहिए। इतना ही नहीं, अपने ज्ञान को लोककल्याण में जहां कहीं भी आवश्यकता हो, वहां साझा करना चाहिए। दीक्षांत समारोह के दिवस को आने वाले भविष्य के निर्माण का दिवस बताते हुए आचार्य देवव्रत ने कहा कि, केवल डिग्री प्राप्त करना ही पर्याप्त नहीं है। युवाओं को भारतीय संस्कृति के मूल्यों का पालन करते हुए जीवन में सदैव सत्य का आचरण करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपना कर्तव्य प्रामाणिकता और प्रतिबद्धता से निभाना चाहिए। एक जिम्मेदार नागरिक नागरिक बनना चाहिए और माता-पिता एवं गुरुजनों के प्रति सम्मान के साथ जीवनभर आदर का भाव रखना चाहिए। अयोध्या में राम मंदिर में होने वाली भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ के साथ उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने हमेशा अपने पिता जी की आज्ञा का पालन किया। हमेशा सत्य का आचरण किया और कर्तव्यों का पालन किया, तब उनकी प्रतिष्ठा हो रही है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को राष्ट्र, परिवार और अपने कुल का गौरव बढ़ाते हुए जीवन में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के प्रत्येक युवा को श्री राम के जीवन का अनुसरण करना चाहिए।

विद्यार्थी अपने भीतर ‘राष्ट्रहित प्रथम’ का भाव जगाएं : भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने उपाधि प्राप्त करने वाले युवा छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा स्थापित यह यूनिवर्सिटी आज विशाल वटवृक्ष बन गई है। इतना ही नहीं, इस यूनिवर्सिटी ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम साराभाई से लेकर राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र में अनेक प्रतिभाएं दी हैं। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने युवा शक्ति का अर्थ ऊर्जा बताया है अर्थात गति, कौशल और पैमाने के साथ काम करने की क्षमता। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश जब 2047 में आजादी का शताब्दी महोत्सव मनाए, तब तक के इस अमृत काल में युवा शक्ति को भारत माता को विश्व गुरु बनाने के लिए नेतृत्व करना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने युवाओं से यह आह्वान किया कि वे ‘विकसित भारत@2047’ के संकल्प को साकार करने और नए भारत के निर्माण के लिए अपनी ऊर्जा और कौशल को काम पर लगाएं तथा अपने भीतर ‘राष्ट्रहित प्रथम’ का भाव जगाएं। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात को 2047 तक 65 फीसदी से अधिक ले जाने के संकल्प के साथ राज्य के उच्च शिक्षा और कौशल इकोसिस्टम को इसके लिए तैयार करने की मंशा व्यक्त की। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सेक्टर स्पेसिफिक यूनिवर्सिटीज के हब के तौर पर गुजरात के उभरने की जानकारी देते हुए फोरेंसिक विज्ञान, बायोटक, आईटी, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों में उत्कृष्ट ज्ञान प्रदान करने वाली संस्थाओं को राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र में क्वांटम जंप के समान बताया। मुख्यमंत्री ने इस बात का भी पुण्य स्मरण किया कि भगवान रामचंद्र जी ने गुरु वशिष्ठ के आश्रम में और योगेश्वर श्री कृष्ण ने सांदीपनि मुनि के आश्रम में रहकर शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने इस संबंध में युवा विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि, पुरातन और सनातन ज्ञान विरासत के संस्कार के साथ आधुनिक और समयानुकूल ज्ञान के समन्वय से युवा शक्ति को देश के अमृत काल को विकास का अमृत काल बनाने में अपना योगदान देना है।

9 संकायों के विद्यार्थियों को उपाधि मिली

इस अवसर पर गुजरात यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि, “75वें वर्ष में प्रवेश कर चुकी गुजरात यूनिवर्सिटी के 72वें दीक्षांत समारोह में आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं।” उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी से उत्तीर्ण हुए सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, आप सभी युवा बहुत आगे बढ़ें और समाज को उन्नत स्थान पर पहुंचाएं। समारोह में कुल 9 संकायों के विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। जिनमें कला संकाय में कुल 10,294 विद्यार्थी, विज्ञान संकाय में 5718, इंजीनियरिंग संकाय में 07, विधि संकाय में 2641, चिकित्सा संकाय में 1722, वाणिज्य संकाय में 27,835, दंत विज्ञान संकाय में 281, शिक्षा संकाय में 3123 और फार्मेसी संकाय में 01 विद्यार्थी को उपाधियां प्रदान की गईं। इस तरह कुल 9 संकायों को 51,622 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/प्रभात

   

सम्बंधित खबर