भोपालः अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन को बनाया जाएगा डॉग फ्री जोन

- रेबीज मुक्त शहर कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित हुई सिटी टास्क फोर्स बैठक

भोपाल, 19 जनवरी (हि.स.)। रेबीज मुक्त शहर कार्यक्रम के संबंध में शुक्रवार को भोपाल नगर निगम आयुक्त व्ही. एस. चौधरी कोलसानी की अध्यक्षता में सिटी टास्क फोर्स बैठक आईएसबीटी सभागार में संपन्न हुई, जिसमें राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत साल 2030 तक डॉग मीडियेटेड राष्ट्रीय कार्य योजना के लक्ष्य की प्राप्ति पर चर्चा की गई।

बैठक में स्वास्थ्य संस्थाओं पर एंटी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता, कुत्तों के टीकाकरण, विभागों के समन्वित सहयोग, रिपोर्टिंग पर चर्चा की गई। बैठक में पालतू जानवरों के पंजीयन, टीकाकरण एवं नसबंदी किए जाने के के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थाओं, बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन को डॉग फ्री जोन बनने पर सहमति दी गई है। पशुओं से सीधे संपर्क में आने वाले नगर निगम कर्मियों के लिए भी प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। नगर निगम के कचरा वाहनों से जिंगल के माध्यम से जागरूकता संदेश दिए जाएंगे।

रेबीज से होने वाली समस्या के निवारण हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त की अध्यक्षता में सिटी टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सिटी टास्क फोर्स में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम स्वास्थ्य, निदेशक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, अधिष्ठाता गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग, मुख्य वन संरक्षक, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, अध्यक्ष नर्सिंग होम एसोसिएशन को शामिल किया गया है। भोपाल में साल 2023 में कुत्तों के काटने के लगभग 18 हजार प्रकरण सामने आए हैं। दिसंबर एवं जनवरी माह में कुत्तों के काटने के प्रकरण ज्यादा रहते हैं।

बैठक में रेबीज नियंत्रण के लिए आवारा कुत्तों एवं पालतू कुत्तों का टीकाकरण किए जाने एवं रेबीज केसेस की रिपोर्टिंग के संबंध में चर्चा की गई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि रेबीज एक जानलेवा बीमारी है। जानवर के काटने या खरोंचने के बाद सही समय पर टीके न लगवाना घातक होता है। राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम के 2030 तक रेबीज उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए साल 2021 में नेशनल एक्शन प्लान पर डॉग मीडियेटेड रेबीज एलिमिनेशन 2030 प्रारंभ किया गया था। बैठक में रेबीज वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गई। यह वैक्सीन सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। कुत्ते के काटने पर कटे हुए स्थान को साबुन एवं नल के बहते पानी से धो लेना चाहिए एवं बिना विलंब किए चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

रेबीज की बीमारी से बचाव हेतु भोपाल जिले में अगस्त माह में हाई रिस्क ग्रुप को प्रीएक्सपोजर एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई थी। जिसमें पशुओं के साथ सीधे संपर्क में आने वाले पशु चिकित्सकों एवं नगर निगम कर्मियों को प्रीएक्सपोजर एंटी रेबीज टीका लगाया गया था। पशुओं के सीधे संपर्क में आने वाले ऐसे पशु चिकित्सा एवं नगर निगम कर्मी जिनका टीकाकरण नहीं हो पाया था, उन्हें टीकाकृत किया जाएगा। रेबीज फ्री सिटी के लिए निर्धारित एक्शन प्लान के तहत जिला प्रशासन, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, वन विभाग, गैर सरकारी संगठनों और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को शामिल किया गया है। बैठक में पशुपालन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के बारे में जानकारी दी गई। इस एडवाइजरी में बच्चों को आवारा कुत्तों से दूरी रखने, कुत्तों से छेड़छाड़ ना करने, तेज़ आवाज वाले पटाखों के इस्तेमाल न करने, जानवरों को परेशान न करने, पालतू कुत्तों के टीकाकरण एवं नसबंदी करवाने के संबंध में जानकारी दी गई है । डॉग बाइट की सूचना नगर निगम के कॉल सेंटर 155304 पर दी जा सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश

   

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