आज़ादी की लौ जलाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन : राजेश ठाकुर

धमतरी, 23 जनवरी (हि.स.)। सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर सिहावा चौक के पास स्थित सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर एमआईसी सदस्यों व पार्षदों ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे के नारे लगाए गए। एमआईसी सदस्य राजेश ठाकुर, राजेश पांडे ने सुभाष चंद्र बोस जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा यह नारा देने वाले हमारे महान क्रांतिकारी और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है दिसंबर 1927 में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के बाद 1938 में उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने कहा था मेरी यह कामना है कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में भी हमें स्वाधीनता की लड़ाई लड़ना है। एमआईसी सदस्य चोवाराम वर्मा व पार्षद संजय डागौर ने कहा कि बोस जी ने आजादी के आंदोलन को एक नई राह देते हुए युवाओं को संगठित करने का प्रयास पूरी निष्ठा से शुरू कर दिया इसकी शुरुआत चार जुलाई 1943 को सिंगापुर में भारतीय संविधान का सम्मेलन के साथ हुई। पांच जुलाई 1943 को आजाद हिंद फौज का विधिवत गठन हुआ 21 अक्टूबर 1944 को एशिया के विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मेलन कर अस्थाई स्वतंत्र भारत सरकार की स्थापना कर नेताजी ने आजादी प्राप्त करने के संकल्प को साकार लिया। इस अवसर पर, नरोत्तम यादव, भूपेंद्र साहू संतोष साहू, छेदन शर्मा, लक्ष्मी राजपूत, कृष्णा बाई ताम्रकार त्रिवेणी साहू, लता नागची, कुसुम नागरची, हितेश सोरी, राजपूत, सलीम, लक्ष्मी माली, नरेश माली, लाभु चौरसिया, किशन, लता माली, गणेश माली उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रोशन सिन्हा

   

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