राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के सहयोग से अदानी हजीरा पोर्ट लिमिटेड में मॉकड्रिल

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- आग लगने के बाद केमिकल से एक टैंक से स्केलेटन गैस के अवशेष निकले

- रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (सीबीआरएन) की स्थिति में आपदा प्रबंधन का परीक्षण का अभ्यास

सूरत, 23 जनवरी (हि.स.)। अडानी हजीरा पोर्ट पर मंगलवार को अचानक गैस प्लांट की खबर आई। कुछ ही देर में खबरें आसपास के होटलों, स्थानीय प्रशासन, डेमोक्रेट्स क्राइसिस ग्रुप से लेकर तटबंध तक पहुंच गईं। यह उपकरण के सभी क्षेत्रीय परीक्षण और यह संकेत के लिए एक नकली परीक्षण था कि ऐसी स्थिति में क्या करना है और क्या नहीं करना है। इसके आयोजन में अदानी हजीरा पोर्ट के सीईओ ने जिला प्रशासन और सूरत जिला औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य कार्यालय का सहयोग लिया।

हजीरा स्थित अडानी पोर्ट के गेट नंबर 1 पर दोपहर 2.30 बजे एक्रिलोनिट्राइल केमिकल से अंतिम टैंक से अचानक गैस निकली और फिर आग लग गई। घटना की सूचना नीचे दिए गए अनुसार कंपनी के फायर टैंक, इंजीनियर और अन्य उपकरण और युवा मशीनरी क्षेत्र पर दी गई है। गैस और आग से लोग भी प्रभावित थे, इसलिए कई प्रमुखों को सूचित किया गया और अंत में इस स्तर -3 की घोषणा की गई और जिला रजिस्ट्रार को सूचित किया गया। स्थिति खराब होने पर हजीरा क्षेत्र की कंपनी को भी सूचित कर उनकी मदद ली गई। घटना के संप्रदाय में शामिल सूरत शहर के प्रांतीय अधिकारी वीजे भंडारी, ओलपाड के प्रांतीय अधिकारी पार्थ तलसानिया, भोला हेतल पटेल, बीजेपी सीबी क्षेत्रीय अधिकारी जिजना बेन मूसा मोसा क्षेत्र पर। सूरत नगर निगम के फायर टैंक और स्वास्थ्य एम्बुलेंस भी भेजे गए। डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस ग्रुप कमांड कमांड पर पहुंच और विश्लेषण के बाद की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनएसडी फिक्स) को सूचित किया गया। राष्ट्रीय आपदा बैकलैश बल (इन्डेक्ट फ़ोर्स) की एक टीम गेट-1 से मौक़े पर विस्फोट और स्थिति को नियंत्रित किया गया। एक और व्यक्ति को उनकी टीम ने डॉक्टर और इलाज के लिए भेजा। मॉक बटालियन को इंजीनियर्स की टीम ने ग्रीन वर्थमान्य कंपनी की ओर से पूरा किया। अभ्यास में पाया गया कि रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु कणों की स्थिति कैसी हो सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/प्रभात

   

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