उप्र में गणतंत्र का गौरवगान, विरासत का सम्मान, बिखरी भारतीय संस्कृति की छटा

- संस्कृति और शक्ति का अद्भुत संगम

लखनऊ, 26 जनवरी (हि.स.)। जहां प्रेम की भाषा है सर्वोपरि, जहां धर्म की आशा है सर्वोपरि, ऐसा है मेरा देश हिंदुस्तान, जहां देश भक्ति की भावना है सर्वोपरि। 75वां गणतंत्र दिवस समारोह ध्वज फहराने व परेड तक ही सीमित नहीं था। चारबाग से राजभवन तक जो झांकी निकली उसमें अयोध्या की विरासत ही नहीं, प्रभु श्रीराम के साथ भव्य मंदिर का भी दर्शन हुआ। देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश अब रामराज्य की ओर बढ़ चला है।

चारबाग से राज भवन तक निकलने वाली झांकी में सबसे आगे भारत निवार्चन आयोग- वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरूर डालेंगे हम, सशक्त लोकतंत्र-सबकी भागीदारी, इसके पीछे उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन लिमिटेड अपनी उपलब्धि बता रही थी।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सिंधी एकादमी भाषा विभाग, प्रभु श्रीराम मंदिर, उद्यान बना उद्योग का आधार-उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम- रामरथ यात्री देवो भव: अयोध्या धाम एक्सप्रेस, लखनऊ विकास प्राधिकरण, जन-जन का राजभवन उत्तर प्रदेश, पर्यटन, कृषि विभाग एग्रीटेक कृषि का भविष्य, काशी-तमिल संगमम् उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश वन एवं वन्य जीव विभाग-संस्कृति-प्रकृति विकास का संगम, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम्- गतिमान उत्तर प्रदेश रामराज्य की ओर, भारत स्काउट और गाइड उत्तर प्रदेश, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग-आरोग्य परम धनम्:, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, नगर विकास विभाग- स्वच्छता परमो धर्म:, नगर निगम लखनऊ उम्मीद संस्था- भिक्षा से शिक्षा की ओर, सिटी माेन्टेसरी स्कूल लखनऊ- विश्व एकता लाना है वसुधा कुटुम्ब बनाना है, के पीछे जल जीवन मिशन की झांकी चल रही थी।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/राजेश

   

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