'भरत सरिस को राम सनेही। जगु जप राम रामु जप जेही'

सात दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन हरिद्वार से आए सत्यानंद आचार्य ने भरत के चरित्र का मार्मिक वर्णन कियासात दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन हरिद्वार से आए सत्यानंद आचार्य ने भरत के चरित्र का मार्मिक वर्णन कियासात दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन हरिद्वार से आए सत्यानंद आचार्य ने भरत के चरित्र का मार्मिक वर्णन किया

- सात दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन सत्यानंद आचार्य ने भरत चरित्र का मार्मिक वर्णन किया

- राम जन्मभूमि मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में मुरादाबाद में रामकथा जारी

मुरादाबाद, 26 जनवरी (हि.स.)। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में हुई प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में श्री साइन शौर्य मंदिर मिलन विहार, मुरादाबाद में सात दिवसीय श्री राम कथा के चौथे दिन शुक्रवार को हरिद्वार से आए सत्यानंद आचार्य ने भरत के चरित्र का मार्मिक वर्णन करते हुए लोगों को त्याग व प्रेम की भावना का मर्म समझाने की कोशिश की।

'भरत सरिस को राम सनेही। जगु जप राम रामु जप जेही।।' चौपाई के माध्यम से उपस्थित भक्तों को सम्बोधित करते हुए सत्यानंद आचार्य ने कहा कि जिस राम को सारा जगत अपना आराध्य व पूज्य मानकर उनकी वंदना करता है। वह राम भरत को एक पल के लिए भी अपने हृदय से विस्मृत नहीं कर पाते। भरत के चरित्र की महिमा का वर्णन तो त्रिदेव ब्रम्हा, विष्णु और महेश भी करने में अपने को असमर्थ पाते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि भरत अपने बड़े भाई राम की चरण पादुका को चौदह वर्षों तक अपने पास रखकर पूजा-अर्चना की एवं उनका दास बनकर अयोध्या के प्रजा की सेवा की। उन्होंने कहा कि यदि हमारे समाज के लोग भरत जी के चरित्र का अनुकरण करते हुए जीवन निर्वाह करने की कला सीख लें तो समाज में व्याप्त सभी प्रकार की क्लेश एवं वैमनस्यता का समाधान स्वतः हो जाएगा।

मंदिर प्रबंधक कमल मोहन सेठ द्वारा व्यवस्था देखी गई। पूजन पंडित आशुतोष शर्मा ने कराया। मुख्य यजमान शशिकांत वर्मा, संजय सक्सेना, अमित अग्रवाल, राकेश गुप्ता, पवन गुप्ता, नरेंद्र चौहान, अनिल मल्होत्रा आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल/पदुम नारायण

   

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