उत्तराखंड इतिहास और संस्कृति की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध राज्य है : डा. धन सिंह रावत

हरिद्वार, 27 जनवरी (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास एवं विभाग में युग युगीन उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति के पुनरावलोकन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

आईसीएचआर से अनुदानित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री उत्तराखंड सरकार डा. धन सिंह रावत ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य इतिहास एवं संस्कृति की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध राज्य है। आवश्यकता है गंभीर प्रयास करने की, जो अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति उत्तराखंड प्रान्त कर रही है।

मुख्य वक्ता प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा कार्यकारी अध्यक्ष अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना ने कहा कि अंग्रेजी सरकार ने भारतीयों को भ्रमित करने के लिए भारतीय इतिहास को तोड़ मरोड़कर प्रायोजित इतिहास प्रस्तुत किया। इतिहास संकलन योजना के माध्यम से उस गौरवशाली इतिहास को पुनः संकलित करने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।

प्रो. वीडीएस नेगी ने सोबन सिंह जीना के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर उनके द्वारा लिखित पुस्तक जो कि सोबन सिंह जीना के ऊपर लिखी गई है, इसका विमोचन किया गया।

डॉ. संजय कुमार प्राचार्य सतपुली डिग्री कांलेज ने कहा कि जैम्स मिल, जैम्स मूलर और कार्ल मार्क्स ने भारतीय इतिहास विकृत करके प्रस्तुत किया जबकि मिल और मार्क्स तो कभी भारत आए भी नहीं। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री ने कहा कि इतिहास का पुनर्लेखन आर्य समाज के विद्वानों ने पहले भी किया है, जिसे आज संकलन समिति ने दोबारा प्रारम्भ किया है।

इस अवसर पर संजय मिश्रा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री, अखिल भारतीय सह इतिहास संकलन योजना ने कहा कि इतिहास संकलन समिति को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुकुल कांगड़ी के कुलपति प्रो. साेमदेव शतांशु ने कहा कि इतिहास के विद्यार्थी के लिए आवश्यक है कि वह संस्कृत का भी अध्ययन करें क्योंकि प्राचीन इतिहास संस्कृत से ही जुड़ा है। कार्यक्रम का संचालन डा. हिमांशु पण्डित ने किया।

इस अवसर पर प्रो. प्रभात कुमार, प्रो. अम्बुज कुमार शर्मा, प्रो. देवेन्द्र गुप्ता, प्रो. रेणु शुक्ला, डा. दिलीप कुशवाहा, डा. पंकज कौशिक, डा. सत्येन्द्र सिंह, कुलभूषण शर्मा, डा. दीपा गुप्ता, डा. अजित तोमर, डा. बबलू, डा. वेदव्रत, डा. गौरव भदौरिया, शिव सिंह, डा. दिव्यांशु बिष्ट, विजय पाण्डेय, अमित कुमार, पूजा, प्राची रंगा, लाखन वशिष्ठ, चन्द्रशेखर, डा. अर्चना डिमरी, दीपक कुमार आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

सम्बंधित खबर