फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन को लेकर छात्राओं ने ली शपथ

वाराणसी, 30 जनवरी (हि.स.)। नेग्लेक्टेड ट्रोपिकल डिजीज (उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग) दिवस पर मंगलवार को मैदागिन स्थित अग्रसेन पीजी कॉलेज में जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य विभाग एवं कॉलेज के सामुदायिक सेवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए छात्राओं को बचाव की दवा का सेवन करने को लेकर शपथ भी दिलाई गई। सभी छात्राओं को फाइलेरिया उन्मूलन और 10 फरवरी से शुरू होने वाले ट्रिपल ड्रग थेरेपी आईडीए अभियान को लेकर जागरूक किया गया।

इस मौके पर जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद पाण्डेय ने कहा कि नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज में सबसे प्रमुख बीमारी फाइलेरिया, मलेरिया, डेंगू, कुष्ठ, टीबी आदि शामिल हैं। यह बीमारियाँ कैसे होती हैं इसके लक्षण और उपाय क्या हैं इसके बारे में जागरूक रहने से इन बीमारियों से बचा जा सकता है । उन्होंने कहा कि फाइलेरिया, मादाक्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदे पानी और गंदगी में पाया जाता है। इस बीमारी का परजीवी (सूक्ष्म कृमि) मच्छरों के जरिए मनुष्य में पहुँच जाता है । यह सूक्ष्म परीजीवी जब एडल्ट (वयस्क) होता है तो यह व्यक्ति के लिम्फ (लासिका तंत्रों) में फैलता है और कई सूक्ष्म परजीवी को जन्म देता है ।जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है और मच्छर हम सभी काटते हैं इसलिए साल में एक बार इस बीमारी से बचाव की दवा का सेवन सभी करना चाहिए। इसके लिए सरकार समय-समय पर अभियान चलाकर आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से इस बीमारी से बचाव की दवा सभी को घर-घर खिलाई जाती है। कार्यक्रम के संयोजक व प्रोफेसर डॉ आकाश ने कहा कि वह फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सम्पूर्ण सहयोग करेंगे। पीसीआई की जिला समन्वयक सरिता मिश्रा ने सभी छात्राओं से सहयोग करने की अपील की। कार्यक्रम में

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) व पीसीआई संस्था ने सहयोग किया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

   

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