ग्रामीण एवं शहरी परिवेश को एकसूत्र में पिरोएगा मायण महोत्सव

- चार फरवरी को अंतरराष्ट्रीय कैंसर दिवस पर मायण महोत्सव का होगा शानदार आगाज

- ‘कैंसर योद्धाओं’ को समर्पित मायण महोत्सव का साक्षी बनेगा कमला कुटीर इटौंजा

- कश्मीर और लखनऊ के समविष्ट स्वरूप को परिकल्पित करेगा मायण महोत्सव

- देशभक्ति का जगाएगा अलख, देश-दुनिया को देगा एकता-एकात्मता का संदेश

लखनऊ, 31 जनवरी (हि.स.)। मायण महोत्सव... लखनऊ हम पर फिदा है, हम फिदा-ए-लखनऊ, आसमां में वो ताव कहां, जो हमसे छुड़ाए लखनऊ। लखनऊ के ग्रामीण अंचल में शहर और गांव के परिवेश को एक पटल पर लाने के उद्देश्य से चार फरवरी को अंतरराष्ट्रीय कैंसर दिवस पर मायण महोत्सव का शानदार आगाज होगा और कमला कुटीर इटौंजा ‘कैंसर योद्धाओं’ को समर्पित मायण महोत्सव का साक्षी बनेगा, जो कश्मीर और लखनऊ के समविष्ट स्वरूप को परिकल्पित करेगा।

अनूठा समारोह मायण महोत्सव का मुख्य आयोजन कश्मीरी युवाओं को समर्पित है। आतंकवाद से जूझ रहे कश्मीर के युवकों में से ये कुछ ऐसे युवक हैं जिन्होंने संगीत की राह चुनकर देश से जन-जुड़ाव के नए मार्ग प्रशस्त किए। इसमें प्रमुख हैं अशरफ, तनवीर, रमीज और रफीक। कश्मीर व सूफी संगीत के माध्यम से ये लखनऊ से जुड़ेंगे। पद्म विभूषण पं. बिरजू महाराज की शिष्या नीलिमा बेरी की ईश-वंदना नृत्य से सुबह 11 बजे कार्यक्रम प्रारंभ होगा। नीलिमा अमेरिका की नागरिक हैं और दिल्ली में बिरजू महाराज के यादगार संस्थान कलाश्रम से जुड़ी हैं।

कैंसर के प्रति चेतना-जागृति मार्च करेगा डिजी-स्वास्थ्य संगठन

इससे पहले सुबह नौ से 10 बजे तक संदीप के नेतृत्व में डिजी-स्वास्थ्य संगठन कमला कुटीर के निकट के गावों में कैंसर के प्रति चेतना-जागृति मार्च करेगा और इस बात पर जोर देगा कि जल्द से जल्द डिटेक्शन से कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। यह संगठन टेली-मेडिसिन व्यवस्था के माध्यम से विभिन्न विशेषज्ञों से ग्रामीणों को परामर्श दिलाता है और फिर इलाज भी कराता है। प्रसिद्ध गजल गायिका अंदाज-ए-लखनऊ को रखेंगी कायम

कश्मीरी युवक ‘जिस्म में सदा महके इस कदर हैं हम बगलगीर, किसी में इतना दम कहां जो हमसे छुड़ा दे कश्मीर’ जैसे गीत-संगीत से देशभक्ति का अलख जगाएंगे और देश-दुनिया को एकता-एकात्मता का संदेश देंगे। इसी क्रम में ग्रामीण अंचल के स्थानीय गायक कव्वाली प्रस्तुत करेंगे। इसमें रामजी की टीम प्रमुख होगी। वहीं डिजी स्वास्थ्य के कैंसर विजेता बच्चे ‘कैंसर हारेगा’ आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करेंगे। अंदाज-ए-लखनऊ को कायम रखते हुए कश्मीर प्रस्तुतियों की जवाबदारी में लखनऊ की प्रसिद्ध गजल गायिका डाॅ. प्रभा श्रीवास्तव अपनी प्रस्तुति देंगी।

प्रेरणात्मक रोचकता के साथ ग्रामीण व्यंजनों का पुट भी

कार्यक्रम का समापन ग्रामीण बालकों के खेल कबड्डी व रस्साकसी स्पर्धाओं से होगा। यह संपूर्ण कार्यक्रम प्रेरणात्मक रोचक तो होगा ही, ग्रामीण व्यंजनों का पुट भी होगा। डाॅ. आनंद प्रकाश माहेश्वरी एवं राजेश बंसल के नेतृत्व में समारोह का आयोजन होगा। अखिलेश, वंदना अग्रवाल, अरूप, निशा अग्रवाल, कैप्टन पारितोष एवं कनक चौहान आयोजक मंडल के प्रमुख सदस्य एवं प्रेरक हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सियाराम

   

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