राज्यपाल ने नैक मूल्यांकन में 'ए प्लस' ग्रेड प्राप्त बुविवि को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया

प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपालप्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करती राज्यपाल

लखनऊ/झांसी, 31 जनवरी (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को राजभवन में हाल ही में नैक मूल्यांकन में 'ए प्लस' ग्रेड प्राप्त बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय और नैक तैयारी के लिए गठित विश्वविद्यालय की टीम के सभी सदस्यों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय नैक टीम के सभी सदस्यों के साथ बैठक कर उनकी तैयारियों के अनुभव, समस्याएं और उनके निराकरण के तरीकों, तैयारी के दौरान अध्यापन कार्य के अतिरिक्त कार्य के लिए दिए गए समय और पारिवारिक दिक्कतों के बारे में चर्चा की।

विश्वविद्यालय ने अपनी नैक टीम में कुछ दायित्व विद्यार्थियों को भी दिए थे, जिन्होंने पहली बार तैयारियों में अपनी भूमिका और आगामी आवश्यकताओं के बारे में राज्यपाल से अपने अनुभव और विचार साझा किए।

चर्चा के दौरान राज्यपाल ने टीम के सभी सदस्यों को उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि झांसी एक कम संसाधन वाला क्षेत्र है, जहां विश्वविद्यालय के लिए नैक के सभी मानकों को पूरा करते हुए उच्च ग्रेड प्राप्त करना निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन निर्देशों को भली-भांति सुनकर, प्लानिंग करके और फिर उसको क्रियान्वित करके कार्य करने से यह स्तर प्राप्त हो सका।

उन्होंने टीम में महिला सदस्यों द्वारा जिम्मेदारियों को उत्कृष्टता से निभाने के लिए प्रशंसा भी की। राज्यपाल ने टीम के प्रत्येक सदस्य को कर्म को ही पूजा मानकर आगे एनआईआरएफ तथा क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में भी सम्मानित स्थान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

विश्वविद्यालय को नैक की तैयारियों से निरंतर जुड़े रहने के लिए प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि टीम सभी मानकों पर अपना डेटा अपडेशन निरंतरता से करती रहे। इसके साथ उन्होंने विश्वविद्यालय को आगामी दस वर्षों तक विस्तार और प्रगति का विजन भी बनाने को कहा। उन्होंने इस विजन निर्माण के लिए विद्यार्थियों से उनके आगामी दृष्टिकोण, उद्योगपतियों की आवश्यकताओं की जानकारी, अभिभावकों की राय की जानकारी भी अर्जित करने को कहा। उन्होंने विद्यार्थियों और जन-सामान्य को केन्द्र में रखकर योजनाएं बनाने के लिए कहा। इस क्रम में राज्यपाल ने गुजरात में बतौर शिक्षा मंत्री अपने कई अनुभव साझा किए।

बैठक में चर्चा के दौरान नैक तैयारियों से जुड़े विश्वविद्यालय के एमकाम के छात्र ऋतिक पटेल ने उत्साह के साथ अपने योगदान और विश्वविद्यालय की उपलब्धि पर अपनी प्रसन्नता को राज्यपाल से साझा किया। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात पर आश्चर्य अतिरेक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके परिवार ने राज्यपाल से मुलाकात होना असम्भव बताया था, जबकि उन्हें राजभवन में प्रवेश भी मिला है। वे स्वयं अपने कार्यों को राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत भी कर सके हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थी ऋतिक के योगदान की सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय के पचास प्रतिशत कार्यों में विद्यार्थियों का योगदान शामिल करने को कहा।

राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय के शिक्षकों को विद्यार्थियों से जुड़ाव रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों की समस्याओं और व्यक्तिगत जानकारियों से भी जुड़ें। नैक टीम के प्रत्येक क्राइटेरिया में एक विद्यार्थी जोड़ें, जिससे उनमें नैक की उपयोगिता की जानकारियों का प्रसार हो।

उन्होंने कहा कि सबकी शक्ति, सबका कौशल, सबका विजन विश्वविद्यालय से जुड़ा होना चाहिए। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की नैक टीम के प्रत्येक सदस्य के अनुभवों को जोड़कर एक पुस्तक बनाने को कहा, जिससे आगे टीम में आने वाले नए सदस्य मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/दीपक/आकाश

   

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