अब कोलकाता में बिल्डिंग डिजाइन की मंजूरी में नहीं होगी देरी, बन रहा नया कानून

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कोलकाता, 01 फरवरी (हि.स.)। महानगर कोलकाता में बिल्डिंग डिजाइन की मंजूरी में हो रही देरी को लेकर लोगों की ओर से लगातार नाराजगी जाहिर करने के बाद नगर निगम ने बड़ी पहल की है। अब इसके लिए अलग से कानून बनाया जा रहा है जिसके तहत बिल्डिंग प्लान की मंजूरी में अब देरी नहीं होगी।

कोलकाता नगर निगम के पूर्व डीजी, मुख्य नगर वास्तुकार और टाउन प्लानर दीपांकर सिंह लंबे समय तक भवन विभाग में जिम्मेदार पदों पर रहे। उन्होंने हिन्दुस्थान समाचार को बताया, ''मूल रूप से, खुली जगहों, सड़कों, घाटों, स्कूलों, तालाबों, नदी के किनारों, खेतों, मैदानों, बाजारों, बस-ट्राम गलियारों और अन्य प्रावधानों को दरकिनार कर योजना को मंजूरी देने की प्रक्रिया चल रही है। परिणामस्वरूप, पर्यावरण तेजी से बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कोलकाता में कई जगह जली जमीन अथवा स्कूल की जमीन को भरकर आवास बना दिए गए हैं।

अनिंद्य कारफोर्मा लंबे समय तक कोलकाता नगर निगम के डीजी (बिल्डिंग) रहे। जब उनसे इन सभी अनियमितताओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इससे पहले गोराचंद मंडल नगर निगम के भवन विभाग के प्रभारी थे। इन सभी अनियमितताओं के बारे में उन्होंने कहा, ''समस्या पहले भी थी। अब यह बढ़ गई है। कोई भी इसे हल करने की कोशिश नहीं कर रहा है।

कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने स्वीकार किया कि अवैध निर्माण कार्य रोकने का नोटिस देने के बावजूद वहां दोबारा निर्माण हो रहा है। इसी वजह से सतर्कता बढ़ाने के लिए संबंधित अधिकारियों-इंजीनियरों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी घटनास्थल का दौरा कर निरीक्षण करेंगे।

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया है कि करीब डेढ़ दशक बाद इन तमाम अनियमितताओं पर विराम लगाने के लिए नया कानून बन रहा है। इसके लिए कमेटी पहले ही बनाई जा चुकी है। जल्द ही इसे मेयर परिषदों की बैठक में मंजूरी मिलेगी। इसके बाद विधानसभा में पारित करने के बाद इसे कानून का रूप दिया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश /गंगा

   

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