जगदलपुर : पीएलजीए के गढ़ को भेदने के लिए 20 दिनों में खोले गए चार नये कैंप

पीएलजीए का नया ठिकाना हो सकता है अबूझमाड़ या बीजापुर में टाइगर रिजर्व एरिया

जगदलपुर, 01 फरवरी (हि.स.)। नक्सलियों का सबसे सुरक्षित किला सिलगेर के आगे टेकलगुड़म वाला इलाका है। इसके आगे नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी के सदस्य नक्सली कमांडर हिड़मा का पैतृक गांव पूवर्ती है, यह पूरा इलाका नक्सलियों का किला माना जाता है। नक्सलियों के इस किले को भेदने के लिए पुलिस ने पिछले 20 दिनों में ही चार नये कैंप खोल दिये हैं। चौथे नंबर के कैंप की स्थापना टेकलगुड़म में मंगलवार को की गई।

इसके पहले सुरक्षाबलों ने पीएलजीए के गढ़ को ढहाने के लिए पहले मेटागुड़ा फिर दुलेड़ और इन दोनों कैंप के बीच में नया कैंप खोल दिया। इन तीनों कैंप की आपस में दूरी 5-5 किमी की है। इसके बाद सुरक्षाबलों ने टेकलगुड़म में भी कैंप खोल दिया, इस कैंप से पूवर्ती की दूरी महज चार किमी है।

ऐसे में जवान पीएलजीए के किले के बीच में बैठ गये हैं और हिड़मा के घर से भी महज चार किमी दूर है। कैंप स्थापित होने के बाद पूवर्ती गांव भी फोर्स के कब्जे में होगा। इधर हमले के बाद भी कैंप लगाने का काम जारी है। यहां कैंप की सुरक्षा और इलाके को सुरक्षित करने के लिए बैकअप फोर्स भेजी गई है। इसके अलावा आस-पास के करीब चार कैंपों से जवानों को जंगलों में उतारा गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस इलाके से कैंप किसी भी कीमत पर नहीं हटने वाला है। इलाके में अब दोगुनी ताकत से कैंप को स्थापित रखने का काम किया जायेगा।

पुलिस अधिकारियों का अनुमान है कि इस इलाके में नक्सलियों के और हमले हो सकते हैं।हमलों के अलावा नक्सलियों के पास सिर्फ एक ही रास्ता है कि अब पीएलजीए अपना ठिकाना बदल दे। कैंप स्थापना के बाद यह इलाका सिलगेर, पूवर्ती सहित अन्य जगहों से जुड़ जाएगा और जवान यहां से अभियान संचालित कर सकेंगे। नक्सलियों की स्थिति अभी ऐसी नहीं है कि वो हर दिन जवानों पर हमला करें। नक्सली बटालियन नंबर 1 को नया सुरक्षित ठिकाना ढूंढना होगा। पीएलजीए का नया ठिकाना अबूझमाड़ या फिर बीजापुर में टाइगर रिजर्व वाला एरिया हो सकता है।

हालांकि अभी ठिकाने को बदलने को लेकर सिर्फ कयासों का दौर है। इस मामले में कोई अधिकृत या पुष्टिकृत जानकारी किसी के पास नहीं है। अबूझमाड़ और बीजापुर के टाइगर रिजर्व वाले एरिया में फोर्स के ज्यादा कैंप नहीं हैं। ऐसे में नक्सली अपना नया ठिकाना इन दोनों स्थानों पर ही बना सकते हैं। हालांकि अबूझमाड़ में बीएसएफ की तैनाती की बात चल रही है। ऐसे में अब नक्सलियों के पास टाइगर रिजर्व वाला ही इलाका सुरक्षित ठिकाना बच रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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