बजट से टेक्सटाइल और गारमेंट उद्योग के व्यापारियों में निराशा : चंपालाल बोथरा

सूरत, 01 फरवरी (हि.स.)। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स टेक्सटाइल एंड गारमेंट समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंपालाल बोथरा ने देश के अंतरिम बजट में टेक्सटाइल और गारमेंट के व्यापारी वर्ग के लिए राहत नहीं देने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि कपड़ा व्यापारियों को बड़ी उम्मीद थी कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ बड़ी घोषणाएं करेंगी। आयकर अधिनियम की धारा 43 बी(एच) सूक्ष्म और लघु उद्यम के मामले में सरकार का कुछ भी खुलासा नहीं करना, व्यापारियों को निराश कर गया है।

चंपालाल बोथरा ने कहा कि इस बात को लेकर बहुत भ्रम है कि इस परिभाषा के अंतर्गत कौन-कौन लोग शामिल होंगे। व्यापारियों को उम्मीद थी कि सरकार बजट में इसका खुलासा देकर राहत देगी, परंतु इस संबंध में कोई बात नहीं रखी गई। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिन से टेक्सटाइल व्यापार में सीजन के समय भी ऑर्डर में 50 प्रतिशत की कटौती हुई है, साथ ही रिटर्न गुड्स भी आने लगे हैं। बोथरा ने कहा कि आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इंपोर्ट फैब्रिक्स को रोकने के लिए ड्यूटी बढ़ाने एवं घरेलू व्यापार और एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए भी कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल उद्योग कृषि उद्योग के बाद सबसे बड़ा रोजगार का साधन है आने वाले दिनों विदेशी कंपनियों के बढ़ते निवेश से देश के छोटे व्यापारियों के लिए उनके व्यापार और रोजगार को प्रतिस्पर्धा में टिके रखने के लिए आर्थिक सहयोग संबंधी स्कीम नहीं बनाई गई। टेक्सटाइल क्षेत्र में रिसर्च और स्किल के लिए भी बजट में प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिला कर टेक्सटाइल और गारमेंट से जुड़े व्यापारी को बजट में निराशा हाथ लगी है।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/वीरेन्द्र

   

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