जूनागढ़ रिश्वतकांड मामले के आरोपित तरल भट्ट गिरफ्तार

-गुजरात एटीएस की कार्रवाई

अहमदाबाद, 2 फ़रवरी (हि.स.)। गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने निलंबित किए गए पीआई तरल भट्ट को जूनागढ़ के रिश्वतकांड में शुक्रवार को अहमदाबाद के रिंग रोड से गिरफ्तार किया है।

आरोपित तरल भट्ट साइबर क्राइम से जुड़े मामलों का विशेषज्ञ हैं और मधुपुरा क्रिकेट सट्टाकांड में आरोपितों के बैंक अकाउंट से संबंधित डाटा हासिल करने में सफल हो गया था। इसके बाद आरोपित तरल भट्ट के साथ अन्य आरोपितों ने फर्जी नोटिस भेजकर सभी खाताधारकों से रुपये उगाही की कोशिश शुरू कर दी थी।

गुजरात एटीएस ने एक दिन पहले गुरुवार को तरल भट्ट के अहमदाबाद स्थित घर पर छापा भी मारा था।ऑपरेशन का कथित मास्टरमाइंड भट्ट 26 जनवरी को मामला दर्ज होने के बाद से फरार थे। जानकारी के अनुसार जूनागढ़ रिश्वतकांड मामले में भट्ट सहित तीन पुलिस अधिकारी शामिल थे, जिन पर रुपये की मांग करने का आरोप लगा है। मामले में पीआई तरल भट्ट, एसओजी पीआई एमएम गोहिल और एएसआई दीपक जानी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। शिकायत दर्ज होने के बाद से ही तीनों फरार थे। मामले में विवाद के बाद जांच गुजरात एटीएस को सौंपी गई। गुजरात एटीएस के अनुसार तरल भट्ट को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया।

यह है पूरा मामला

केरल के व्यवसायी कार्तिक भंडारी का बैंक खाता जूनागढ़ एसओजी ने फ्रीज किया था। व्यापारी को जूनागढ़ बुलाया गया जहां ईडी में रिपोर्ट करने की धमकी दी। खाता अनफ्रीज करने के लिए 25 लाख रुपए की मांग की गई। जिसके बाद कारोबारी ने जूनागढ़ के रेंज पुलिस महानिरीक्षक से संपर्क किया। रेंज आईजी ने जांच करते हुए खुलासा किया कि 335 ऐसे खाते गलत तरीके से एसओजी द्वारा फ्रीज किए गए थे। यहां तक की आरोपितों ने फर्जी नोटिस भी जारी किए। इसके बाद पीआई तरल भट्ट, एसओजी पीआई अरविंद गोहिल और एएसआई दीपक जानी को निलंबित कर दिया। तीनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ आईजी कार्यालय के शक्तिसिंह गोहिल ने बी डिवीजन थाने में शिकायत दर्ज करायी थी।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/सुनील

   

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