खेतों में रास्तों की समस्या का समाधान के लिए शुरू किया अभियान

खेतों में रास्तों की समस्या का समाधान के लिए शुरू किया अभियान

शाहपुरा, 08 फरवरी (हि.स.)। शाहपुरा जिला कलेक्टर टीकम चंद बोहरा ने नवाचार करते हुए खेतों में जाने के लिए रास्तों की समस्या का समाधान करने का अभियान चलाया है। बोहरा ने कहा कि खेतों में रास्तों का राजस्व खातों में दर्ज कराया जाए। रास्ता है तो दर्ज किया जायेगा। दर्ज नहीं है तो काश्तकारों के आवेदन करने पर यह काम होगा। इस काम में राजस्व व पुलिस विभाग को काश्तकार के आवेदन पर मदद देनी होगी। कलेक्टर ने कहा है कि काश्तकारी अधिनियम के तहत सरकार ने स्पष्ट प्रावधान कर रखा है, पर राजस्व विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों तक काश्तकारों की पहुंच न होने के कारण रास्तों की समस्या बढ़ती ही जा रही है।

शाहपुरा जिला कलेक्टर टीकम चंद बोहरा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों को अपनी कृषि भूमि पर आने-जाने के लिए आ रही रास्ते की समस्याओं के संबंध में राज्य सरकार द्वारा विधिक प्रावधान किये गए परंतु संबंधित अधिकारियों द्वारा संवेदनशीलता के साथ आवश्यक कार्रवाई नहीं करने से काश्तकारों को कई बार राज्य सरकार अथवा जिला कलक्टर कार्यालय तक अपनी परिवेदना निवारण के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसी समस्या के निराकरण के लिए यह नवाचार कर जिले के अधिकारियों को नियमानुसार कार्रवाई कर किसानों को राहत पहुंचाने के आदेश जारी किए गए है।

जिला कलेक्टर के आदेशानुसार राजस्व अधिकारियो द्वारा रास्ते खुलवाने के लिए पारित किये गए आदेशों की मौके पर क्रियान्विति कराना संबंधित थानाधिकारी की भी विधिक जिम्मेदारी बनती है। थानाधिकारी को यदि इस आशय की कोई लिखित रिपोर्ट/परिवेदना प्राप्त होती है तो वे संवेदनशीलता के साथ रास्ते खुलवाने के आदेश की अनुपालना कराएंगे और यदि उस आदेश की अनुपालना में यदि किसी व्यक्ति/अतिक्रमी द्वारा व्यवधान डाला जाता है तो उसके विरूद्ध विधि के प्रावधानों के अनुसार आपराधिक प्रकरण दर्ज करेंगे।

कलेक्टर ने जारी किये है निर्देश

शाहपुरा जिला कलेक्टर ने जिले के समस्त तहसीलदारों तथा उपखण्ड अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर कहा कि ऐसे आम रास्ते जो राजस्व अभिलेखों में रास्ते के रूप में दर्ज हैं, उन रास्तों को खुलवाने के लिए संबंधित तहसीलदार एवं थानाधिकारी को विधिक शक्तियां प्राप्त हैं, रिकॉर्डेड रास्ते को खुलवाने के लिए संबंधित तहसीलदार द्वारा विधिक प्रक्रिया के तहत आदेश पारित करे और आवश्यक होने पर संबंधित थानाधिकारी से पुलिस सहायता उपलब्ध कराकर आदेशानुसार रास्तों को खुलवाया जाना सुनिश्चित करें।

रास्ता दर्ज नहीं तो भी प्रावधान

जिला कलेक्टर टीकमचंद बोहरा ने आदेश जारी कर बताया कि काश्तकारों के खेतों पर पहुंच के लिए यदि राजस्व रिकॉर्ड में रास्ता दर्ज नहीं है तो ऐसी दशा में संबंधित उपखण्ड अधिकारी द्वारा राजस्थान काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 251 (ए) के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। उपखण्ड अधिकारीगण ऐसे लंबित समस्त प्रार्थना पत्रों पर संक्षिप्त कार्रवाई करते हुए आवश्यक रूप से एक माह के भीतर प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करके नियमानुसार आदेश पारित करेंगे और उनके द्वारा पारित आदेशों की क्रियान्विति 07 दिवस के भीतर करवाने के लिए वे स्वयं जवाबदेह होंगे।

केवल औपचारिक आदेश देना पर्याप्त नहीं

जिला कलेक्टर के आदेशानुसार समादत उपखण्ड अधिकारियों द्वारा अधीनस्थ राजस्व कार्मिकों को केवल औपचारिक आदेश देना ही पर्याप्त नहीं होगा बल्कि उन्हें लिखित आदेश के अनुसार राजस्व अभिलेखों में अंकन एवं मौके पर रास्ता खुलवाया जाना भी आवश्यक होगा। उपखण्ड अधिकारी अपने आदेश की क्रियान्विति के लिए आवश्यक होने पर थानाधिकारी से पुलिस सहायता लेकर भी मौके पर रास्ता खुलवा सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/मूलचन्द/संदीप

   

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