शक्ति प्राप्त करने के लिए करें मां भगवती की आराधनाः आलोक गिरि

हरिद्वार, 14 अप्रैल (हि.स.)। स्वामी आलोक गिरि महाराज ने कहा कि मां भगवती का स्वरूप अष्ट भुजाओं पर केन्द्रित है, जिसमें समस्त देवी देवताओं की शक्ति का स्वरूप है। मां भगवती की साधना जीवन को देती है ऊर्जा प्रदान करती है।

स्वामी आलोक ने कहा कि शक्ति प्राप्त करने के लिए भक्तों को मां भगवती की शरण में जाना चाहिए। शक्ति के अभाव में मनुष्य शव के समान है और भगवती की कृपा के बिना शक्ति संभव नहीं है। साधकों को पूरे नवरात्र में मां भगवती की साधना में लीन होकर शक्ति प्राप्त करने का उपाय करना चाहिए। दुष्टों का दमन करने वाली मां भक्तों पर कृपा अवश्य करती है।

गौरतलब है कि जगजीतपुर-जमालपुर रोड पर फुटबॉल ग्राउंड के समीप स्थित श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान-नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में वासंतिक नवरात्र में चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा छठे दिन भी जारी रही।

कथा व्यास पं सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने कहा कि मां भगवती का स्वरूप अष्ट भुजाओं पर केन्द्रित है, जिसमें समस्त देवी-देवताओं की शक्ति का स्वरूप है। देवी की साधना करने से मनुष्य को अपने जीवन की सभी खुशियां वापस मिलती है तथा मनुष्य ऊर्जावान होकर जीवन में संचार करता है। उन्होंने शुम्भ-निशुम्भ की कथा का वर्णन किया। इसके अलावा माता कात्यायनी के रूप में शिव द्वारा इंद्र के राजसिंहासन को वापस लौटाने की कथा का भी वर्णन किया।

उन्होंने असुरों के युद्ध के दौरान मां देवी भगवती के विराट और सुन्दर रूप का वर्णन करते हुए मनुष्य को संयम, संकोच, धार्मिक, आचरण, बोध, ज्ञानवान, करुणा भाव तथा मैत्री गुणों को धारण करने की शिक्षा दीक्षा दी। उन्होंने मां कात्यायनी के जीवन आरम्भ मनुष्य के कल्याण के लिए उनके द्वारा किए गए कार्य तथा देव मनुष्य और असुरों के कल्याण की कथा का भी प्रसंग सुनाया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

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