रामगढ़ रउता वन क्षेत्र में 11 प्लांट पर लग सकता है ताला, खाली होगी जमीन

जमीन की बंदोबस्ती रद्द होने के बाद एक्शन में आएगा वन विभाग

रामगढ़, 11 फरवरी (हि.स.)। रामगढ़ डीसी चंदन कुमार ने जंगल की जमीन पर अवैध बंदोबस्ती कायम करने वाले प्लाट मालिकों पर गाज गिरा दी है। अब वन विभाग पूरे एक्शन में आने वाला है। ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही वन विभाग अपने क्षेत्र में स्थापित उद्योगों को हटाकर अपनी जमीन हासिल कर लेगा।

वन विभाग ने जो रिपोर्ट रामगढ़ डीसी के समक्ष प्रस्तुत किया है, उससे यह स्पष्ट है कि रउता वन क्षेत्र में जमीन को हड़पने के लिए एक बड़ा माफिया वर्ग काम कर रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब तत्कालीन डीएफओ विजय शंकर दुबे ने पूरे मामले की जांच शुरू की थी। उन्हीं के द्वारा 11 प्लांट मालिकों के खिलाफ लैंड एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने ही इस बात का पता लगाया था कि सभी 11 प्लांट अवैध जमाबंदी के आधार पर स्थापित किए गए हैं। भूमि

विभागीय नक्शे से हुई थी मापी, लैंड एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मामला

डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि रउता वन क्षेत्र की मापी विभागीय नक्शे के आधार पर की गई थी। रउता मौजा के खाता संख्या 29 के कुल 86 प्लॉट कुल रकबा 807.24 एकड़ भूमि खतियान में गैर मजूरवा खास दर्ज है। इसमें 45 प्लॉटों रकबा 758.59 एकड़ किस्म जंगल झाड़ी दर्ज है। इन 45 प्लाटों में 26 प्लॉट का कुल रकबा 575.78 एकड़ है। यह वन विभाग के द्वारा अधिसूचित एवं सीमांकित वन है। इसी को आधार बनाकर तत्कालीन डीएफओ विजय शंकर दुबे ने लैंड एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

जमाबंदी पर आया फैसला, अब अतिक्रमण पर आएगा आदेश

डीएफओ नीतीश कुमार ने बताया कि लैंड एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत यह मामला तब तक आगे नहीं बढ़ सकता था जब तक उस क्षेत्र में अवैध जमाबंदी के मामले पर जिला प्रशासन का स्पष्ट आदेश जारी न हो जाए। रामगढ़ डीसी ने बेहद ही स्पष्ट आदेश जारी किया है। अब लैंड एंक्रोचमेंट एक्ट के तहत वन विभाग में दर्ज मामले पर आदेश जारी होगा। यहां अवैध तरीके से वन विभाग की जमीन को अतिक्रमण कर कई बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को स्थापित कर दिए गए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अमितेश/चंद्र प्रकाश

   

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