श्रमिकों के अधिकारों के लिए चल रहे संघर्षों की याद दिलाता है मई दिवस: डालसा सचिव

खूंटी, 1 मई (हि.स.)। झालसा रांची के निर्देश पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डीएलएसए अध्यक्ष रषिकेश कुमार के मार्गदर्शन में बुधवार को डाक बंगला खूंटी में असंगठित मजदूरों के बीच अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया और जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

डीएलएसए सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने डाक बंगला में उपस्थित असंगठित मजदूरों को लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मई दिवस या अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस एक मई को भारत सहित पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अधिकतर देशों की तरह, मई दिवस पर, सार्वजनिक और सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं। श्रम अधिकारों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना की याद में एक मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है। 1886 में श्रमिकों ने आठ घंटे के कार्यदिवस की मांग के लिए एक राष्ट्रीय हड़ताल का आयोजन किया था।

शिकागो के हेमार्केट स्क्वायर में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके परिणामस्वरूप कई श्रमिकों की मौत हो गई। उनके बलिदान का सम्मान करने के लिए, अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन ने एक मई को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में घोषित किया, जो दुनिया भर में श्रमिकों के संघर्षों और उपलब्धियों को पहचानने का दिन है। मई दिवस उत्सव, एकता और चिंतन का समय है। यह हमें प्रकृति की सुंदरता और समुदाय के महत्व की सराहना करने की अनुमति देता है। साथ ही हमें सामाजिक न्याय और श्रमिकों के अधिकारों के लिए चल रहे संघर्षों की याद दिलाता है। कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता मदन मोहन राम, डीएलएसए की पीएलवी अंजू कच्छप, चंदन कुमार, मजदूर संघ के अध्यक्ष सयूम अंसारी के साथ ही काफी संख्या में मजदूर उपस्थित थे। यह जानकारी डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने दी।

हिन्दुस्थान समाचार/अनिल

   

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