जिला जज के पद से सेवानिवृत्त हुए डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की भावभीनी विदाई,कई न्यायाधीश हुए भावुक

-आवास खाली कर नोएडा जा रहे पूर्व जिला जज को विदा करने जुटे अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता

वाराणसी, 11 फरवरी (हि.स.)। ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा की अनुमति का ऐतिहासिक आदेश देने के बाद ही जिला जज के पद से सेवानिवृत्त हुए डॉ अजय कृष्ण विश्वेश को भावभीनी विदाई दी गई। रविवार शाम लगभग चार बजे बंगला खाली कर नोएडा के लिए निकल रहे डॉ अजय कृष्ण विश्वेश को विदा करने के लिए जनपद के न्यायाधीश, वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ न्यायिक कर्मचारी, प्रबोधिनी फाउण्डेशन सहित कई सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता जुट गए। सभी ने उनके जीवन में नई पारी की शुभकामनाएं दी। माल्यार्पण कर पुष्प गुच्छ और अंगवस्त्रम के साथ स्मृति चिन्ह भी भेंट किया। लोगों का प्रेम देख डॉ अजय कृष्ण विश्वेश और अधीनस्थ रहे जज भी भावुक हो गए।

इस दौरान डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने कहा कि काशी की संस्कृति, यहां के नागरिकों सहित अधिवक्ताओं का निश्छल स्वभाव मेरा दिल जीत लिया। काशी से मेरा आत्मीय लगाव हो गया है। काशी के लोगों से मिला प्यार एवं सम्मान मुझे काशी के प्रति और जिम्मेदार बना दिया है। यहां के लोगों के उच्च और आदर्श विचार को आत्मसात कर अपने आगे के जीवन में उपयोग करूंगा। उन्होंने कहा कि काशी से भले ही दूर जा रहा हूं लेकिन काशी से भावनात्मक और दिली लगाव आजीवन बना रहेगा।

प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय ने कहा कि काशी के कण-कण में महादेव विराजते हैं। काशी के जन-जन के हृदय में अपने ऐतिहासिक कार्य एवं निर्णय से डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने अमिट जगह बना ली है।

नीरज सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी केस में पुनः पूजा का आदेश देकर आपने भारत के जन-जन में न्याय के प्रति आस्था को बढ़ा दिया है। इस दौरान स्वामी सहजानन्द शोध संस्थान के संयोजक नीरज सिंह, वर्ल्ड प्रोफेशनल रेसलिंग हब के मुख्य प्रबन्धक मृत्युंजय महादेव सिंह, प्रबुद्धजन काशी के समीर सिंह, डॉ संजय सिंह गौतम, अजीत यादव आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

   

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