उत्तराखंड उच्च न्यायालय में पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी ने 'फुल कोर्ट रिफरेंस' के साथ किया कार्यभार ग्रहण

नैनीताल,12 फ़रवरी (हि.स.)। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के लिये सोमवार का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। आज यहां पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी ने ‘फुल कोर्ट रिफरेंस’ के साथ कार्यभार ग्रहण कर लिया है। गत दिवस देहरादून स्थित राजभवन में प्रदेश के राज्यपाल सेवानिवृत्त ले. जनरल गुरमीत सिंह ने उन्हें उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की शपथ ग्रहण करायी थी।

इस अवसर पर निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी, महाधिवक्ता एसएन बाबुलकार, हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष दिनेश चंद्र सिंह रावत व रजिस्ट्रार जर्नल आशीष नैथानी आदि ने राज्य की पहली मुख्य न्यायाधीश का औपचारिक स्वागत किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति बाहरी ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वह अधिवक्ताओं को साथ लेकर खुले दिमाग से काम करेंगी। युवा अधिवक्ताओं के नए सुझावों के साथ अनुभवी अधिवक्ताओं के अनुभव भी लिये जाएंगे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पर्वतीय क्षेत्रों में जरूरतमंदों को सरलता से न्याय सुलभ कराने के तरीकों पर विचार करेंगी।

इस दौरान उच्च न्यायालय बार के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण का दौर है। राज्य में पहली महिला मुख्य सचिव के साथ नैनीताल की जिलाधिकारी भी महिला हैं। अब मुख्य न्यायाधीश भी महिला होना सुखद है।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी, न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा, न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल, न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा के साथ पूर्व न्यायाधीश यूसी ध्यानी, आलोक सिंह, बीएस वर्मा, राजेश टंडन, सीएससी चंद्रशेखर रावत, वरिष्ठ न्यायाधीश अवतार रावत, देवेंद्र पाटनी, सैय्यद नदीम मून, डीआईजी योगेंद्र रावत, जिलाधिकारी वंदना, एसएसपी प्रह्लाद मीणा एवं एसडीएम प्रमोद कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/रामानुज

   

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