24 घंटे पहले ही रेड रोड पर समाप्त हुआ तृणमूल का धरना

कोलकाता, 12 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय वंचना के विरोध में कोलकाता के रेड रोड में चल रहा तृणमूल कांग्रेस का धरना 24 घंटे पहले से ही समाप्त हो गया। रेड रोड का धरना मंगलवार के बजाय सोमवार को समाप्त हो गया। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि तृणमूल कांग्रेस की ओर से असल फैसला क्यों लिया गया। दरअसल, ममता ने केंद्र को राज्य का बकाया चुकाने के लिए जनवरी के अंत तक की समय सीमा तय की थी। मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित समय सीमा पिछले सप्ताह गुरुवार को समाप्त हो गई। इसलिए मुख्यमंत्री शुक्रवार को रेड रोड पर धरने पर बैठ गईं। इसके बाद से पार्टी के विभिन्न शाखा संगठनों और जिला नेतृत्व ने धरना जारी रखा है। मंगलवार को धरना मंच की कमान हुगली का जिला नेतृत्व को संभालना था। इस बीच सोमवार को ममता ने हुगली के आरामबाग में प्रशासनिक बैठक की।

इस बैठक में जिला नेतृत्व मौजूद था। बर्दवान जिला नेतृत्व ने सोमवार को धरना मंच की कमान संभाली। इसके बाद तृणमूल ने धरना समाप्त कर दिया। मुख्यमंत्री आवास योजना, 100 दिन का काम का पैसा रोके जाने के विरोध में रेड रोड पर धरने पर बैठी थीं। हालांकि, इस बार राज्य के बजट में सरकार ''आत्मनिर्भरता'' की राह पर चली है। सरकार केंद्र में 100 दिन की जगह 50 दिन काम की योजना लेकर आई है जहां जॉब कार्ड धारकों को काम मिलेगा। राज्य सरकार ने उन लोगों को भी पैसा देने की व्यवस्था की है, जिन्हें मोनरेगा परियोजना में काम करने के बावजूद पैसा नहीं मिला है। आवास योजना नहीं मिली तो राज्य खड़ा रहेगा, यह आश्वासन भी बजट में है। यहां तक कि, घाटाल मास्टर प्लान के आवंटन के लिए केंद्र पर भरोसा किए बिना मुख्यमंत्री ने खुद 1250 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा

   

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