बसंत पंचमी से तपस्वी संतों की धुना तपस्या होगी शुरू, गंगा दशहरा तक चलेगी

प्रयागराज, 13 फरवरी (हि.स.)। माघ मेला क्षेत्र में तपस्वी संतों की धुना तपस्या बसंत पंचमी से शुरू होने जा रही है, जो गंगा दशहरा तक चलेगी। मेला क्षेत्र में आये लगभग 500 तपस्वी संत धुना तपस्या शुरू करेंगे। जबकि तपस्वी संतों की संख्या देशभर में 10 हजार से अधिक है। धुना तपस्या करने वालों में आठ वर्ष के बाल संत से लेकर सभी उम्र के संत, महात्मा शामिल हैं।

तपस्वी नगर के स्वामी गोपाल महाराज ने बताया कि धुना तपस्या बसंत पंचमी से शुरू होकर गंगा दशहरा तक चलेगी। माघ मेला में महामंडलेश्वर रामसंतोष दास महाराज, महामंडलेश्वर रामदास टाटाम्बरी महाराज, ध्रुवदास महाराज, बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर सरयूदास महाराज, गोपाल महाराज, तुलसीदास महाराज, भगवत दास महाराज सहित करीब 500 संत, महात्मा बसंत पंचमी बुधवार से धुना तपस्या शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि गर्मी के दौरान अप्रैल से जून तक तपस्या सबसे कठिन होती है। क्योंकि उस दौरान भीषण गर्मी पड़ती है। यह तपस्या सुबह से शुरू होकर शाम तक यानी कि दिन में कम से कम आठ घण्टे होती है। उन्होंने बताया कि अगर किसी की तबीयत खराब है या कोई दिक्कत है तो वह अपनी सुविधानुसार तपस्या कर सकता है लेकिन धुना तपस्या सभी को करनी होती है।

महामंडलेश्वर रामसंतोष दास महाराज ने बताया कि यह प्राचीन तपस्या की परम्परा है, जिसे हमारे ऋषि-मुनि करते थे। उसी परम्परा का निर्वहन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मेरी उम्र लगभग 70 वर्ष है लेकिन अब भी धुना तपस्या करता हूं। ध्रुवदास महाराज ने बताया कि यह तपस्या हम लोग बचपन से करते आ रहे हैं। इससे जहां ऊर्जा मिलती है वहीं ईश्वर का भी ध्यान और पूजन होता है।

बीकानेर के राष्ट्रीय संत महामण्डलेश्वर सरयूदास महाराज का शिविर माघ मेला में अक्षयवट मार्ग पर लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि हम सभी संत प्रतिदिन आठ से 10 घण्टा धुना तपस्या उत्साह से करते हैं। इस दौरान गर्मी, बारिश और ठंड नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि संत जीवन सेवा और तपस्या के लिए ही मिला है।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/आकाश

   

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