कोर्ट की रोक के बावजूद पुलिस ने संदेशखाली के एंट्री प्वाइंट्स पर लगाई धारा 144

कोलकाता, 14 फरवरी (हि.स.)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पूरे संदेशखाली से धारा 144 हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन पुलिस ने नई रणनीति अपनाते हुए संदेशखाली से तो धारा 144 हटा ली है लेकिन उसे पूरे इलाके में जो प्रवेश द्वार हैं, वहां निषेधाज्ञा लगा दी गई है। बुधवार सुबह संदेशखाली में 19 जगहों पर फिर से धारा 144 जारी कर दी गई। ये स्थान मूलतः संदेशखाली के प्रवेश मार्ग हैं। इसके चलते विपक्ष का दावा है कि लोगों की आवाजाही रोकने के लिए कुछ जगहों पर धारा 144 जारी कर दी गई है।

संदेशखाली की सात पंचायतों के 19 स्थानों पर धारा 144 जारी की गई है। इसमें संदेशखाली ग्राम पंचायत के संदेशखाली घाट, खुलना घाट, बोलाखाली घाट, त्रिमानी बाजार, पात्र पाड़ा शामिल हैं। आंदोलन मूलतः इसी पात्र पाड़ा से शुरू हुआ था। दूसरी ओर, दुर्गामंडप जीपी के गबेरिया मार्केट, डुगुरी पाड़ा में धारा 144 लागू है। इनमें दाउदपुर भाजपा का गढ़ है। विरोध की आग वहां भी फैल सकती है। इसलिए वहां धारा 144 जारी कर दी गई। साथ ही धमाखली घाट, हलधर पाड़ा, पिनपाडे खाली घाट समेत कई अन्य जगहों पर फिर से धारा 144 जारी कर दी गई है। यानी संदेशखाली के ब्लॉक नंबर दो की कुल 19 जगहों पर धारा 144 नए सिरे से जारी की गई है। इस संदर्भ में कलकत्ता हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ''इससे साबित होता है कि प्रशासन पूरी तरह विफल हो गया है। कल कोर्ट ने उनकी धारा 144 रद्द कर दी। कोर्ट ने जरूरत पड़ने पर धारा 144 लागू करने को कहा लेकिन अब धारा 144 की क्या जरूरत है? दरअसल, मुख्य उद्देश्य लोगों की आवाजाही को रोकना है।”

उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ''वे डरे हुए हैं। उन्हें समझ में आ गया है कि अगर ये सच्चाई नहीं दबी तो मुंह दिखाना मुश्किल होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बात बाहर गई तो देश की बदनामी होगी।'' हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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