विद्या भारती विद्यालयों में हुआ सरस्वती पूजन एवं विद्यारम्भ संस्कार

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--विद्यारम्भ संस्कार बच्चों में ज्ञान के प्रति जिज्ञासा डालने की कोशिश : बांके बिहारी पांडेय

प्रयागराज, 14 फरवरी (हि.स.)। बसन्त पंचमी के शुभ अवसर पर बुधवार को जनपद के विद्या भारती के समस्त विद्यालयों सहित अन्य स्कूलों में सरस्वती पूजन कर विद्यारम्भ की शुरूआत की गयी। इस दौरान मॉं सरस्वती से आशीर्वाद भी लिया गया। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये।

विद्या भारती से सम्बद्ध काशी प्रांत के रानी रेवती देवी सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज राजापुर में प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय के मार्गदर्शन में विद्यारम्भ संस्कार एवं सरस्वती पूजन का पर्व बसंतोत्सव के रूप में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुआ। विद्यालय के संगीताचार्य एवं मीडिया प्रभारी मनोज गुप्ता ने बताया कि बसंतोत्सव का पर्व दो चरणों में सम्पन्न हुआ। पहले चरण में आचार्य पंडित प्रमोद पांडेय की देखरेख में माता सरस्वती जी की प्रतिमा के समक्ष विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं, अध्यापक अध्यापिकाओं एवं अभिभावकों ने हवन कुंडों में आहुति देकर विधिवत पूजन अर्चन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बसंत ऋतु के एवं मां सरस्वती के गीतों एवं नृत्यों को प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में 3 से 5 वर्ष के नन्हे मुन्ने भैया बहनों की जिह्वा पर शहद से ॐ लिखकर मंत्रोचार के माध्यम से उनका विद्यारम्भ संस्कार किया गया। प्रधानाचार्य बांके बिहारी पांडेय ने कहा कि हमारे जीवन में विद्या और ज्ञान का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। भारत में शिक्षा को लेकर कितनी जागरूकता थी इसका अंदाजा तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविख्यात विश्वविद्यालयों से लगाया जा सकता है। क्योंकि ये दोनों विश्वविद्यालय भारत में ही स्थित थे। दुनिया भर के छात्र यहां शिक्षा ग्रहण करने आते थे। हम सभी अपने बच्चों को विद्या में निपुण बनाना चाहते हैं। अतः विद्यारम्भ संस्कार द्वारा बच्चों में ज्ञान के प्रति जिज्ञासा डालने की कोशिश की जाती है।

इसी क्रम में सिविल लाइन स्थित ज्वाला देवी स.वि.म.इं कालेज में सरस्वती पूजन कार्यक्रम बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार तथा इन्द्रजीत त्रिपाठी ने वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा मॉ सरस्वती के समक्ष पूजन एवं अर्चन किया गया बसंत पंचमी के महत्व पर प्रधानाचार्य ने अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि सरस्वती देवी की पूजा से बुद्धि का विकास होता है, अर्थात जो व्यक्ति मन को एकाग्र करते हुये माँ के चरणों में स्वयं को समर्पित करता है उसका विकास निश्चित हैं। देवी सरस्वती ने ज्ञान, कला एवं सभ्यता का विकास किया। विद्यालय द्वारा संचालित संस्कार केन्द्रों के छोटे-छोटे भैया-बहनों का विद्यारम्भ संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ। आचार्य सरोज कुमार दुबे ने मॉ सरस्वती का पूजन पूरे विधि विधान के साथ कराया।

इसी प्रकार ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज गंगापुरी, रसूलाबाद में सरस्वती पूजन एवं विद्यारम्भ संस्कार कार्यक्रम विधि विधान पूर्वक हवन व पूजन के साथ हुआ। सरस्वती पूजन कार्यक्रम के प्रमुख यजमान राकेश मिश्र, राग विराग, सीतांशी, सतपाल, सीतेश्वरी, विद्यालय के प्रधानाचार्य युगल किशोर मिश्र, अंजू मिश्रा एवं संघचालक प्रयाग उत्तर लालता प्रसाद रहे। कार्यक्रम में समाज के नन्हें-मुन्हें ऐसे भैया-बहन जो इस सत्र से अध्ययन कार्य प्रारम्भ कर रहे हैं उनका विद्यारम्भ संस्कार (पाटी पूजन) कराकर सर्वप्रथम ’ऊॅ’ लिखवाया गया। कार्यक्रम में 105 नन्हें-मुन्हें बच्चों का विद्यारम्भ संस्कार कराया गया। साथ ही विद्यालय की बहनों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। प्रधानाचार्य ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए बताया कि नवीन सत्र का प्रवेश फॉर्म आज से 25 फरवरी तक वितरित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

   

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