छग विधानसभा :प्रदेश में जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में एमए हिंदी किया है उनकी भी भर्ती की जाएगी-बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर, 16 फ़रवरी (हि.स.)।छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के 10वें दिन गुंडरदेही के कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद के प्रश्न क जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने घोषणा की है कि,प्रदेश में जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में एम.ए. किया है उनकी भी भर्ती की जाएगी।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज (16 फरवरी) छत्तीसगढ़ी में पढ़ाई का मुद्दा उठा। विधायक कुंवर सिंह निषाद ने ये मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा देश के हर राज्य में अपनी-अपनी बोली के हिसाब से पढ़ाई होती है। बहुत से युवा हैं जो छत्तीसगढ़ी भाषा की पढ़ाई कर चुके हैं, उन्हें टीचर की जॉब मिलनी चाहिए।

स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि कुंवर सिंह निषाद तो सिर्फ छत्तीसगढ़ी की बात कर रहे हैं। हमारी सरकार तो सरगुजिया, गोंडी तमाम बोलियां में पढ़ाई की तैयारी कर रही है। आने वाले समय में हमारी कोशिश है एम ए हिंदी के जो छात्र हैं उनकी संख्या बहुत कम है। उन्हें भी भर्ती में शामिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।।उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास के लाइन मनखे मनखे एक समान की तरह छत्तीसगढ़ी भाषा में हमारे प्रदेश के नौनिहालों की शिक्षा की व्यवस्था हो।जिसके लिए प्राथमिक स्तर पर छत्तीसगढ़ी भाषा में अलग से भर्ती की जाए।ताकि छत्तीसगढ़ी भाषा का सम्मान हो सके।कुंवर सिंह निषाद के कथन पर विधायक भूपेश बघेल ने समर्थन करते हुए कहा कि कुंवर सिंह निषाद के प्रश्न पर बृजमोहन ने उत्तर दिया,जिसमें 33 हजार शिक्षकों की भर्ती की बात कही गई।लेकिन इसमें उन विद्यार्थियों का क्या जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में एमए किया है।

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर इस बीच खड़े हुए और चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 24-25 साल की हमारे विधानसभा हो रही है। मेरे ख्याल से अब तक का सबसे लंबा प्रश्न करने का रिकॉर्ड कुंवर सिंह निषाद के नाम है। स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कुंवर सिंह निषाद जी का जो सवाल है वह भावनात्मक रूप से अच्छा है लेकिन हम छत्तीसगढ़िया लोगों को आगे बढ़ना चाहते हैं। पूरे देश की शिक्षा के स्तर पर उन्हें लाना है।कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि मैं भावना की बात नहीं कर रहा बोली के सम्मान की बात है। अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी जब तक आठवीं अनुसूची में नहीं जुड़ेगी तो उसे दूसरे प्रदेशों में मान्यता नहीं मिलेगी। हम सब मिलकर उसे आठवीं अनुसूची में जुड़वाने का प्रयास करें।

मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने जवाब देते हुए कहा कि पहले ये तय कर लें कि प्रदेश में करना क्या चाहते हैं। पांच साल सिर्फ छत्तीसगढ़ी शब्द का उच्चारण करते रहे।अब छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं,तो फिर प्रदेश में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना क्यों की गई।क्यों नहीं छत्तीसगढ़ी भाषा में पढ़ाई करवाई।पहले ये तय कर लें कि हमारा लक्ष्य क्या है।क्या हमें छत्तीसगढ़ के बच्चों को भावनात्मक रूप से आगे बढ़ाना है या फिर राष्ट्र के लिए तैयार करना है।छत्तीसगढ़ के बच्चों का एजुकेशन राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए।फिर भी मैं ये घोषणा करता हूं कि प्रदेश में जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में एम ए हिंदी किया है, उनकी भी भर्ती की जाएगी।

इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री महोदय ने शिक्षकों की भर्ती में छत्तीसगढ़ी भाषा हिंदी के लिए भर्ती करने की बात कही है।लेकिन जो प्रश्न था उसमें स्पष्ट लिखा है कि छ्त्तीसगढ़ी भाषा में ग्रेजुएशन करने वालों के लिए क्या सरकार भर्ती करेगी।हमारे प्रदेश में बच्चों ने सिर्फ हिंदी ही नहीं दूसरे विषयों में भी ग्रेजुएशन किया है।क्या उनके लिए सरकार नौकरी का प्रावधान करेगी।

जवाब देते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ''जिन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में भी एमए किया है। उन्हें भी मौका दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

   

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