गुप्त नवरात्र अष्टमी तिथि को कुंवारी कन्याओं को कराया भोजन

सहरसा,17 फरवरी (हि.स.)। माघ मास में मनाये जाने वाले गुप्त नवरात्र की अष्टमी तिथि शनिवार को कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया गया।इस गुप्त नवरात्र का समापन सोमवार को किया जाएगा।मत्स्यगंधा रक्तकाली चौसठ योगिनी मंदिर के प्रधान पुजारी रविन्द्र कुमार झा ने बताया कि आश्विन माह में शारदीय नवरात्र तथा चैत नवरात्र में बहुतायत मात्रा में मूर्ति निर्माण कर हर्षोल्लास के साथ पूजा-पाठ किया गया जाता है।जबकि चैत नवरात्र कठिन साधना रहने के कारण कुछ गिने चुने लोग ही व्रत-उपवास रख पाते है लेकिन शारदीय नवरात्र तो प्राय: सभी सनातनी मनाते है।

उन्होने बताया कि आषाढ एवं माघ मास में दो गुप्त नवरात्र साधक सिद्ध मुनि महात्मा ऋषि तपस्वी लोग चारों नवरात्र कठिन साधना कर मनाते है।उन्होंने बताया कि चारो नवरात्र के दौरान मंदिर में जयंती एवं कलश स्थापित किया जाता है।साथ ही साथ प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमित रूप से किया जाता है।वही दशमी को माता को 56 प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया जाता है।जिसे प्रसाद के रूप में भक्तों के बीच वितरण किया जाता है।

उन्होने बताया कि मिथिला की हृदय स्थली सहरसा की भूमि शक्ति भूमि स्थल है।जहां शक्तिपीठ के रूप में उग्रतारा भगवती, कात्यायनी भगवती, चण्डिका भगवती, ज्वालामुखी भगवती सहित घर घर में कुलदेवी के रुप में पूजन-अर्चन किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/चंदा

   

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