उत्तराखंड अब ऊर्जा प्रदेश बनने की ओर अग्रसर, निवेश के साथ बढ़ेंगे रोजगार

- ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ रहा प्रदेश

- मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना से बदलेगी उत्तराखंड की तस्वीर और तकदीर

देहरादून, 18 फरवरी (हि.स.)। उत्तराखंड अब ऊर्जा प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के साथ ग्रीन इकोनॉमी की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। इसमें मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना न केवल कारगर साबित होगी, बल्कि यह उत्तराखंड की तस्वीर और तकदीर भी बदलेगी। बड़ी बात यह है कि पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों तक 20 से लेकर 200 किलोवाट के सौर संयंत्रों की स्थापना के लिए प्रदेश के युवा खूब दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इससे रोजगार के साथ निवेश के अवसर भी बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर 13 मार्च 2023 को मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना (एमएसएसवाई) को संशोधित किया गया था। इसके बाद 20, 25, 50, 100 और 200 किलोवाट के ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए अब तक मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना पोर्टल msy.uk.gov.in पर 839 आवेदन प्राप्त किए जा चुके हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें 297 आवेदनों के एलओआई भी जारी की जा चुकी है।

पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 3.43 मेगावाट स्थापित क्षमता 13.6 करोड़ के अनुमानित निवेश की तुलना में मॉडिफाइड योजना में 839 आवेदनों में से 297 संख्या, संचयी क्षमता 44.94 एमडब्ल्यूपी के एलओए अब तक जारी किए जा चुके हैं। इससे राज्य में रोजगार के अवसर के साथ लगभग 224 करोड़ के निवेश के अवसर प्राप्त होंगे।

नई मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना में 44.94 मेगावाट की स्थापना के बाद प्रदेशवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर नेट जीरो लक्ष्य प्राप्त करने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। योजना में उत्तराखंड के निवासी उत्सुकता से आवेदन कर रहे हैं और आवंटन प्रक्रिया 246 एमडब्ल्यूपी संचयी लक्ष्य उपलब्धि तक जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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