संघर्ष की प्रतीक थीं सांसद मनोरमा, उत्तराखंड को विश्व पटल पर दिलाई थी पहचान : कामरेड सुरेंद्र

- दिवंगत सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा को नौवीं पुण्यतिथि पर किया नमन

देहरादून, 18 फरवरी (हि.स.)। दिवंगत सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा को नौवीं पुण्यतिथि पर याद करते हुए कामरेड़ सुरेंद्र सिंह सजवाण ने रविवार को कहा कि दिवंगत सांसद उत्तराखंड में संघर्ष की प्रतीक के रूप में जानी जाती हैं। उन्होंने अपने मेयर के कार्यकाल में एशियन मायर्स कॉन्फ्रेंस कराकर देहरादून व उत्तराखंड को विश्व पटल पर एक नई पहचान दी थी।

राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोरमा ने उत्तराखंड के सरोकारों को संसद के अंदर जोरदार ढंग में उठाया था। राज्य निर्माण में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनकी संघर्ष की विरासत को आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा आगे बढ़ा रही हैं।

उन्होंने एक पत्र साझा करते हुए कहा कि 14 बिंदुओं का ये पत्र दिवंगत सांसद मनोरमा की दूरगामी सोच को लेकर अपने मेयर के कार्यकाल में तत्कालीन नगर विकास एंव वन मंत्री नवप्रभात को लिखा था। इसमें उन्होंने यातायात के दबाव को देखते हुए एलिवेटेड रोड, फुट ओवरब्रिज कम असकिलटर, सब-वे, बहुउद्देशीय ऑडिटोरियम, फ्लाईओवर सहित अन्य बिन्दुओं के निर्माण के लिए लिखा था, जिससे महानगर को स्मार्ट बनाया जा सके। मनोरमा डोबरियाल शर्मा मेमोरियल फाउंडेशन की अध्यक्ष व कांग्रेस नेत्री आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा कि वह दिवगंत सांसद के अधूरे कार्यों को पूरा कराने के लिए काम वह करती रहेंगी।

स्वरोजगार से जुड़ी महिलाओं का सम्मान-

दिवंगत राज्यसभा सदस्य की पुण्यतिथि पर स्वरोजगार से जुड़ी रानू रावत, गुलिस्ता अंसारी, बीना छेत्तरी, शाइना शैफी, संतोष शर्मा, माया देवी, रजनी, प्रियंका, बलविंदर कौर, इंदिरा सहगल, कविता, मोनिका आदि को सम्मानित किया है। अध्यक्षता कामरेड जगदीश कुकरेती व संचालन सुरेंद्र सजवाण ने किया। इस दौरान व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील कुमार बांगा, प्रेम सिंह दानू, मोहन सिंह नेगी, सरदार हरजीत सिंह मिंटू, गब्बर सिंह आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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