भाजपा का आरोप - संदेशखाली में शेख शाहजहां को बचा रही हैं ममता

कोलकाता, 19 फरवरी (हि.स.) । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को संदेशखाली हिंसा के लिए सीधे तौर पर विपक्षी भाजपा, माकपा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। वहां महिलाओं ने सड़क पर उतरकर अपने साथ यौन उत्पीड़न और जमीन छीनने को लेकर जो आरोप लगाए हैं उस पर उन्होंने कोई खास टिप्पणी नहीं की। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है। बंगाल भाजपा के सह प्रभारी और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि संदेशखाली में महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार पर ममता बनर्जी की बेरुखी चौंकाने वाली नहीं है क्योंकि ममता ने कहा है कि लोग राई को पहाड़ बना रहे हैं। यानी महिलाओं से यौन उत्पीड़न उनके लिए बहुत छोटी बात है और उसे इस तरह से तूल नहीं दिया जाना चाहिए। अब बंगाल के लोग सोचें कि उन्होंने किस तरह की मुख्यमंत्री चुना है।

अमित मालवीय ने रविवार देर रात सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि संदेशखाली पर जवाब देने के लिए पश्चिम बंगाल के डीजीपी पर ममता बनर्जी दबाव क्यों डाल रही हैं ? क्या पश्चिम बंगाल एक पुलिस राज्य है या अब उसका नियंत्रण नहीं रहा? मालवीय ने लिखा, जाहिर है कि ममता बनर्जी शाहजहां शेख को बचाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। उन्होंने विधानसभा के पटल पर झूठ बोला और अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने खुद को उलझा लिया है। ममता को तुरंत जवाब देना चाहिए कि उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस को शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का आदेश क्यों नहीं दिया?

शेख के खिलाफ संदेशखाली की महिलाओं से बलात्कार और यातना की शिकायतों के अलावा ईडी और केंद्रीय बलों के अधिकारियों पर हमला करने का आपराधिक मामला दर्ज है?मालवीय ने आगे लिखा कि शाहजहां शेख अपराधी है। 2019 में प्रदीप मंडल की हत्या में वह मुख्य आरोपित था। यह अलग बात है कि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सीआईडी ने उसे बरी कर दिया। भारत देख रहा है कि कैसे एक महिला मुख्यमंत्री ने बलात्कार को डराने और शासन करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। ममता बनर्जी को बंगाल की महिलाओं को जवाब देना होगा कि क्या बलात्कार और हत्या ही उनकी नियति है, या क्या बंगाल की महिलाएं शेष भारत की महिलाओं की तरह सपने देख सकती हैं और आकांक्षा कर सकती हैं? उनकी इस मामले चुप्पी और झूठ, दोनों ही भयावह हैं। मालवीय ने लिखा कि ममता बनर्जी को शर्म करनी चाहिए कि संदेशखाली की महिलाओं की दुर्दशा को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जो उसके, शाहजहां शेख और उसके अपराधियों के गिरोह के खिलाफ बोल रही हैं। संदेशखाली की महिलाएं कह रही हैं कि पुलिस ने 2011 से उनकी शिकायत नहीं ली है, जिस साल ममता बनर्जी सत्ता में आई थीं। जिन अधिकारियों के बारे में ममता बनर्जी बात कर रही हैं, वे पीड़ितों को डरा रहे हैं और उनसे यह साबित करने के लिए कागजात मांग रहे हैं कि उनके साथ बलात्कार हुआ है। साथ ही, जिन महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है, उनके सम्मान को वापस लाने का ममता का इरादा क्या है? यह आरोप लगाकर कि वे झूठ बोल रहे हैं? वह बच नहीं सकतीं। ममता को लेकर मालवीय ने लिखा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के पटल पर भगोड़े शाहजहां शेख का उन्होंने बचाव किया, जिससे उन्हें क्लीन चिट मिल गई और राज्य की एजेंसियों भी उससे पीछे हट गईं। उसे पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है, यह एक खुला रहस्य है। उन्हें बंगाल में बलात्कार और क्रूरता झेल रहीं महिलाओं की परवाह नहीं है। वह भी तब तक, जब तक उन्हें वोट मिलता रहेगा। बंगाल को ममता बनर्जी से छुटकारा चाहिए। वह महिलाओं और राज्य के लिए भी अभिशाप है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

   

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