वाराणसी में मोतियाबिंद के 43 हजार से अधिक मरीजों को मिली आँखों की रोशनी

—राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष कार्यक्रम के तहत मिल रही उपचार की सुविधा

वाराणसी, 21 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष कार्यक्रम के तहत वाराणसी में मोतियाबिंद के 43 हजार से अधिक मरीजों को ‘आँखों की रोशनी’मिली है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने ये जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि बच्चों में होने वाली दृष्टिहीनता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसका मुख्य कारण बच्चों के नेत्रों में होने वाले इन्फेक्शन, विटामिन ए की कमी, कुपोषण तथा नेत्रों मे लगने वाली चोटों को बताया। इसके साथ ही बुजुर्गों में मोतियाबिंद की अधिक समस्या देखी जा रही है, इसके लिए सीएमओ ने अपील की है कि बच्चों व बुजुर्गों के परिजन उनके स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रखें, नियमित व्यायाम करें, संतुलित, स्वस्थ व पोषकतत्वों से युक्त आहार लें। बुजुर्ग धूम्रपान न करें, गुटखा, तम्बाकू व खैनी के प्रयोग से बचे, यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संजय राय ने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं दृष्टि दोष कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के सभी लोगों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिले के राजकीय चिकित्सालयों, निजी अस्पतालों एवं स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से अप्रैल 2023 से अब तक 43068 मरीजों का मोतियाबिन्द का ऑपरेशन किया गया।

डॉ संजय राय ने बताया कि इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के माध्यम से अप्रैल 2023 से अब तक करीब 2800 स्कूली बच्चों को चिन्हित कर निःशुल्क चश्मे प्रदान किए गए। इसके साथ ही सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी व पीएचसी) पर चिन्हित किए गए करीब 1800 बुजुर्गों को निःशुल्क चश्मे प्रदान किए गए। उन्होंने बताया कि जनपद के तीनों राजकीय चिकित्सालयों क्रमशः डीडीयू, एसएसपीजी व एलबीएस में चार-चार नेत्र संबंधी चिकित्सक नियमित अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा सीएचसी व पीएचसी पर एक एक नेत्र रोग विशेषज्ञ तैनात किए गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण

   

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