छग विधानसभा :विधानसभा में सीएसआर के अंतर्गत होने वाले कार्यों का मुद्दा गूंजा

रायपुर, 22 फ़रवरी (हि.स.)। बजट सत्र के दौरान विधानसभा में गुरुवार को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) का मुद्दा गरमाया। सत्ता पक्ष के ही विधायकों ने इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। विभागीय मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस मद के लिए भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए नियमों की जानकारी देते कहा कि इसका पूरा अधिकार केंद्र सरकार के पास है। मंत्री ने इसके नियमों में संशोधन के लिए भारत सरकार को पत्र लिखने का भरोसा दिलाया।

प्रश्नकाल के दौरान गुरुवार को सत्ता पक्ष के विधायक भावना बोहरा और सुशांत शुक्ला ने यह मामला उठाया। विधायकों ने पूछा कि सीएसआर की राशि खर्च करने का प्रावधान क्या है। इसमें क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की राय क्यों नहीं ली जाती। विधायकों ने इस राशि का दुरुपयोग और अधिकारियों द्वारा बंदरबाट करने का आरोप लगाया। साथ ही विधायकों ने यह भी कहा कि उद्योगपति इस राशि को इमानदारी से खर्च नहीं करते।

उद्योग मंत्री लखन देवांगन ने सदन को बताया कि सीएसआर के मामले में अब राज्य सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं है। केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव कर दिया है। पहले सीएसआर की राशि जिलों में आती थी फिर कलेक्टर के मध्यम से उसे खर्च किया जाता था, लेकिन अब उद्योग वाले ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की राय और जरुरत के हिसाब से खर्च कर रहे हैं।

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 2021 में केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था, तब परिस्थितियां अलग थीं। उन्होंने पूछा कि क्या आप भारत सरकार से आग्रह करेंगे कि पहले जैसे पहले राज्य सरकार और कलेक्टर के माध्यम से इसका संचालन होता था फिर वैसे ही हो। इस पर मंत्री ने सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हम इस संबंध में भारत सरकार से पत्राचार करेंगे।

विधायक अनुज शर्मा ने पूछा कि क्या इस पूरे मामले में राज्य सरकार कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक ईमानदारी से खर्च नहीं करते हैं। दूसरी जगह पर खर्च करते हैं। क्या कार्यवाही का प्रावधान है।

इसके पहले भाजपा विधायक भावना बोहरा ने पूछा कि सीएसआर मद के तहत कौन से कार्य किए जाते हैं। मंत्री लखनलाल देवांगन ने जानकारी दी कि सीएसआर मद केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही कार्रवाई की जाती है।

अनुज शर्मा ने कहा कि उद्योग अपनी मर्जी से राशि खर्च करते हैं, क्या कार्रवाई होगी।इस पर मंत्री लखनलाल देवांगन ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार को ही इसके संबंध में निर्णय का अधिकार है। भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि किस माध्यम से काम किया जा रहा है, इसकी जानकारी दें। मंत्री ने कहा कि उद्योग सीधे स्थानीय जनप्रतिनिधि से बात कर काम करते हैं।

भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने बिलासपुर जिले में वर्षवार दी गई राशि की जानकारी मांगी। मंत्री लखन लाल देवांगन ने बताया कि सीआरएस मद केंद्र सरकार के अधीन है।2022 में राज्य से अधिकार ले लिया गया था, इसलिए इसकी जानकारी दे नही पाऊंगा।

सुशांत शुक्ला ने कहा कि आपकी ही सरकार के अधिकारी ने जानकारी दी है।सीएसआर मद में कलेक्टर के माध्यम से बंदरबांट की गई है। यह किस अधिकार से हुआ।

विधायकों की मांग पर विभागीय मंत्री ने सदन को भरोसा दिलाया कि इस संबंध मे भारत सरकार को पत्र लिखकर नियमों में संशोधन कर इस मद के लिए पूर्व की तरह प्रावधान रखने का आग्रह करेंगे , जिसमे स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर कलेक्टर के माध्यम से यह राशि जारी की जाती थी।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा

   

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