भरूच सीट: विरासत के लिए कांग्रेस नेता की पुत्री का बड़ा दांव
- Admin Admin
- Feb 23, 2024
-गुजरात में आईएनडीआईए के बीच सीट साझेदारी से भरूच सीट को लेकर घमासान
भरूच, 23 फरवरी (हि.स.)। गुजरात की भरूच लोकसभा सीट पर आम आदमी पार्टी (आआपा) की ओर से उम्मीदवार की घोषणा के बाद कांग्रेस और आआपा के बीच सीट साझेदारी को लेकर हंगामा बरपा है। आआपा ने लोकसभा चुनाव से पूर्व ही जेल में बंद अपने विधायक चैतर वसावा के नाम की घोषणा कर दी थी। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस और आआपा के बीच साझेदारी की संभावना ने खलबली मचा दी है। कांग्रेस नेता अहमद पटेल की पुत्री मुमताज पटेल इस सीट पर चुनाव लड़ने की पहले से तैयारी कर रही थी।
गुजरात में लोकसभा चुनाव में आआपा और कांग्रेस के साथ की प्राथमिक तौर पर पुष्टि हो चुकी है। आआपा ने गुजरात से दो सीट भरूच और भावनगर पर लड़ने की अपनी तैयारी बताई है। भरूच लोकसभा सीट से आआपा ने डेडियापाड़ा के अपने विधायक और आदिवासी नेता चैतर वसावा के नाम की घोषणा की है। वन अधिकारियों से मारपीट मामले में चैतर वसावा जेल में बंद थे लेकिन अभी जमानत पर हैं। उन्होंने इस सीट के लिए अपनी तैयारी तेज कर दी है।
दूसरी ओर इस सीट पर पहले से लड़ने का मन बना चुकी सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे अहमद पटेल की पुत्री मुमताज पटेल ने नाराजगी जताई है। मुमताज के भाई फैजल ने आआपा को समर्थन नहीं करने की घोषणा की है। इस विवाद के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व जो भी निर्णय करेगा, प्रदेश कांग्रेस समिति उसे स्वीकार करेगी। गुजरात में आआपा 2 से 3 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है।
35 वर्ष से पिक्चर से गायब है कांग्रेस
भरूच लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अंतिम बार 1984 में चुनाव जीती थी। तब पार्टी नेता अहमद पटेल ने यहां से तीसरी बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद यहां से कांग्रेस पिछला 10 लोकसभा चुनाव हार चुकी है। अब आआपा उम्मीदवार के तौर पर चैतर वसावा यहां दमखम लगाने की तैयारी में हैं। आआपा के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 7 जनवरी को भरूच आए थे, इसी दिन उन्होंने डेडियापाड़ा के विधायक चैतर वसावा को इस सीट से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की थी। पार्टी का मानना है कि वह इस सीट पर भाजपा को रोक सकती है। कांग्रेस 10 बार यहां प्रयास कर चुकी है, इसलिए अब उसे मौका मिलना चाहिए।
अहमद पटेल ने इस सीट पर चंदुभाई देशमुख को हराया था जो इस सीट पर लगातार चार बार जीते थे। अहमद पटेल के बाद इस सीट पर भाजपा के मनसुख वसावा ने बाजी मारी जिसके बाद वह लगातार 6 बार से जीत रहे हैं।
3.34 लाख मतों के अंतर से जीते थे मनसुख वसावा
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भरूच सीट पर भाजपा के मनसुख वसावा को 616461 मत मिले थे। वहीं कांग्रेस के शेरखान पठाण को 319131 वोट मिले थे। आम आदमी पाटी के उम्मीदवार को 154954 और छोटू वसावा को 144083 मत मिले थे। यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के मत एक साथ जोड़ दिए जाएं तो मतों की संख्या 474085 हो जाती है। यह मत भी वसावा को मिले मतों से 142376 कम है। इस तरह इस चुनाव में छोटू वासावा भी एक फैक्टर हो जाएंगे जिन्हें पिछले चुनाव में 144083 मत मिले थे। छोटू वसावा ही चैतर वसावा के राजनीतिक गुरू भी हैं। ऐसे हालात में यह जानना रोचक हो सकता है कि छोटू वसावा किस ओर जाते हैं। यदि वे चैतर के समर्थन में उतरते हैं तो इस सीट पर आमने-सामने की टक्कर तय है।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिनोद/संजीव