विकट समय पर काम आती है सिम्पथी, भावनाएं ठीक तो जीत सुनिश्चित : भगत सिंह कोश्यारी

विकट समय पर काम आती है सिमपैथी, भावनाएं ठीक तो जीत सुनिश्चित : भगत सिंह कोश्यारी

- पूर्व राज्यपाल बोले, एक अनुभव दे गया सिलक्यारा टनल आपदा

- सिलक्यारा विषम चुनौती से समाधान संवाद कार्यक्रम व संगोष्ठी का आयोजन

देहरादून, 27 फरवरी (हि.स.)। संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद की ओर से सिलक्यारा विषम चुनौती से समाधान संवाद कार्यक्रम और संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें पूर्व राज्यपाल ने विषम चुनाैती से सतर्क करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सिम्पथी ही काम करती है। हमारी भावनाएं ठीक हैं तो जीत सुनिश्चित है। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी ने भी अपने अनुभव साझा किए।

मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि सिलक्यारा टनल आपदा एक अनुभव दे गया। इस घटना में लोगों ने एकजुट होकर जो बचाव का प्रयास किया, वो सराहनीय है। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए सजग रहना होगा। शासन-प्रशासन सब एकजुटता से समाधान करेंगे। ऐसे विकट समय पर एलोपैथी, होम्योपैथी सब धरी की धरी रह जाती हैं और सिम्पथी काम करती है। हमारी भावनाएं ठीक हैं तो जीत सुनिश्चित है। कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उदाहरण देते हुए मजबूत रहने का संदेश दिया।

सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी ओपी राणा ने कहा कि आपदाएं जब भी आती हैं उनका समाधान भी एक सिस्टम के तहत किया जाता है। इसमें पुरानी पारंपरिक तकनीक काफी कारगर साबित होती है। सिलक्यारा टनल में भी ये काम आई और कुशलता से जवानों को बाहर निकाला गया। जोशीमठ में भी भूमि धंसाव हो रहा है, वहां पर भी वैज्ञानिक तकनीक के साथ पुरानी तकनीकि से काम किया जाना चाहिए। सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। संगोष्ठी में राणा ने अपने सभी आपदाओं से निपटने के अनुभव साझा किए। संस्कृति साहित्य कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट के साथ जनप्रतिनिधि, संघ विचारक सेवक आदि थे।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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