सीहोर में देश के नौवें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान का हुआ लोकार्पण

सीहोर में 105 करोड़ लागत के “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्था” का लोकार्पणसीहोर में 105 करोड़ लागत के “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्था” का लोकार्पणसीहोर में 105 करोड़ लागत के “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्था” का लोकार्पण

- दिव्यांगजन को सभी सुविधाएँ मिलेगी एक छत के नीचे

- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान से अब देश में होगी सीहोर की पहचान: डॉ वीरेन्द्र कुमार

सीहोर, 13 मार्च (हि.स.)। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने बुधवार को सीहोर में 105 करोड़ रुपये की लागत के बने “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास संस्थान” का लोकार्पण किया। यह देश का 9वॉ राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास केन्द्र है। संस्थान परिसर में प्रशासन और अकादमिक ब्लॉक, सेवा ब्लॉक, छात्रावास एवं बहुउद्देशीय हॉल सहित कई सुविधाएं मौजूद हैं। इसमें न्यूरो-थेरेपी, फिजियो-थेरेपी, स्पीच-थेरेपी, ऑक्युपेशनल-थेरेपी, एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी, एक्स-रे, डे-केयर सर्विस, ओपीडी, टेली काउंसलिंग और आउटरीच ओपीडी जैसी 21 प्रकार की दिव्यांगताओं से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

केन्द्रीय मंत्री डॉ. कुमार ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के निर्माण से अब सीहोर की पहचान प्रदेश के साथ पूरे देश में होगी। देश भर से दिव्यांगजन सीहोर के इस संस्थान से लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के साथ निरंतर प्रयास कर इस दिशा में आने वाली समस्याओं के निराकरण के लिए काम किया जा रहा है। दिव्यांगजनों प्रेम और स्नेह की आवश्यकता है और इस संस्थान में पूरी संवेदनशीलता के साथ उनके स्वास्थ्य और संवार्गी विकास के लिए काम किया जाएगा। हम सब मिलकर एक सफल समावेशी राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करें और दिव्यांगों के अधिकारों को सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के निर्माण में कुछ विलम्ब हुआ है पर पुनर्वास संस्थान बनकर अब पूर्ण तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास संस्थान के नए भवन में सभी ब्लॉकों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है और जो ब्लाक शेष रह गये है वे भी अप्रैल तक पूरा हो जाएंगे। आने वाले समय में इस इस परिसर में दो और हॉस्टल का निर्माण किया जाना है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिव्यांगजनों के प्रति अतिसंवेदनशील है। इससे पहले दिव्यांगों के लिए सात प्रकार के श्रेणी निर्धारित थी, लेकिन अब वर्ष- 2016 से अधिनियम पारित होने के बाद 21 प्रकार की श्रेणियां दिव्यांगजनों के लिए निर्धारित की गई हैं। सामाजिक मान्यता मंत्रालय राज्य सरकार के सहयोग से दिव्यांग जनों की सेवा देने के लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में अपने विभिन्न जोनों की गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सीहोर में अक्टूबर 2018 में एक स्थाई भवन के निर्माण का एक प्रस्ताव पारित हुआ था। उसके बाद से लगातार काम को आगे बढ़ाया गया यहां पर पुनर्वास संस्थान 25 एकड़ में फैला हुआ है और उसमें से लगभग 12 एकड़ में संस्थान के भवन का निर्माण हुआ है, जिसमें लगभग 105.68 करोड रुपये की लागत आई है। इस राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास संस्थान के लिए शीध्र ही छह करोड़ के उपकरण खरीदे जा रहे हैं और फर्नीचर शीघ्र ही उपलब्ध होगा। संस्थान में नेचरोथेरेपी, फिजियोथैरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, एमआरआई, सीटी स्कैन, रेडियोलॉजी रूम की सेवाएं प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा चिकित्सा और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए नई दिल्ली और बेंगलुरु से सहयोग लिया जाएगा। इस संस्थान में छात्रों के लिए पर्याप्त स्थान एवं व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि अब इस संस्थान के विभिन्न विभागों के माध्यम से साइकोलॉजिकल, डायग्नोस्टिक, मूल्यांकन और परीक्षण न्यूरो साइकोलॉजिकल मूल्यांकन साइकोलॉजिकल,एजुकेशन के लिए अन्य जागरूकता सेवा में प्रदान की जाएगी।

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र सीहोर के लिए बड़ी सौगातः मंत्री कुशवाह

कार्यक्रम में प्रदेश के समाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री नारायाण कुशवाह ने कहा कि प्रधानीमंत्री मोदी की राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास सस्थान के रूप में सीहोर को बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश और देश तेजी से विकास कर रहा है। प्रधानमंत्री समाज में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के चेहरे पर खुशी लाने तथा उनको सशक्त बनाने के लिए निरन्तर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए प्रधानमंत्री मोदी संवदेशनशील हैं और उनके समुचित इलाज और पुनर्वास के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनओं के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में दिव्यांगजनों को सुगमता से लाभ मिल सके, इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल बनाया जा रहा है। प्रदेश के दिव्यांगजनों के विवाह के लिए 163 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन दिव्यांगजनों में 80 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता है उन्हें मोटराईज ट्राईसिकल प्रदान करने का काम किया जाएगा। केन्द्र एवं राज्य सरकार की दियांगजनों के लिए संचालित योजनाओं का लाभ सभी दिव्यांगजनों को मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा।

क्षेत्रीय विधायक सुदेश राय ने कहा कि पहले सीहोर का शरबती गेहूं के लिए पूरे देश में पहचान थी। लेकिन अब राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास केन्द्र से पूरे देश में जाना जाएगा। उन्होंने सीहोर को दी गई इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दिव्यांगजनों के स्वास्थ्य एवं पुनर्वास के लिए बहुत संवेदनशील हैं और दिव्यांगों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रहे हैं।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष रचना सुरेन्द्र मेवाड़ा, केन्द्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त सचिव राजेश यादव, मप्र के सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा, आयुक्त डॉ. रामाराव भोसले, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुर्नवास संस्थान के निदेशक विनीत सिंहल, कलेक्टर प्रवीण सिंह, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी सहित सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी तथा नागरिकगण उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / उमेद/मुकेश

   

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