भूजल दोहन करने वाले सूक्ष्म व लघु उद्योगों को शास्ति में मिली छूट

नईदिल्ली/ जयपुर, 14 मार्च (हि.स.)। जलशक्ति मंत्रालय के अधीन केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने एक आदेश जारी कर देश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को प्रतिदिन 100 केएलडी तक भूजल का दोहन करने पर एक वर्ष के लिये पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति शास्ति से छूट प्रदान की है। इसके तहत तीन माह में आवेदन करने वाले उद्यमियों को शास्ति से 80 प्रतिशत छूट, 6 माह में आवेदन करने पर 60 प्रतिशत, 9 माह में आवेदन करने पर 40 प्रतिशत एवं वर्षपर्यंत आवेदन करने वाले उद्यमियों को 20 प्रतिशत छूट दी जायेगी।

लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा एवं महामंत्री ओमप्रकाश गुप्ता ने इस निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताते हुये बताया कि केंद्रीय भूजल प्राधिकरण ने 24 सितंबर,2020 को भूजल निकासी के नये नियमों की अधिसूचना जारी की थी। जिसके तहत देश के सभी सूक्ष्म व लघु उद्योगों को भूजल निकासी के नये नियमानुसार पर्यावरणीय अनुमति लेना आवश्यक था। लेकिन बडी संख्या में सूक्ष्म व लघु उद्योग आवेदन नहीं कर सके, जिससे दो वर्ष बाद प्राधिकारण ने उन पर बकाया भारी शास्ति आरोपित कर दी थी। आर्थिक भार पडने से कई राज्यों के सूक्ष्म व लघु उद्योग बंद होने के कगार पर आ गये थे।

इस समस्या पर लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री व भूजल प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक में देश के छोटे उद्योगों को इस शास्ति से छूट प्रदान करने का आग्रह किया था। उसके बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के निर्देश पर प्राधिकरण ने देश के लाखों सूक्ष्म व लघु उद्योगों को शास्ति में छूट के आदेश जारी कर राहत प्रदान कर दी है। लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष सीए महेश गुप्ता ने कोटा में यह जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/ईश्वर

   

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