जनहित नीति पर अभियान चलाएगा इंडी एलायंस

इंडी एलायंस गठबंधन के विभिन्न दलों ने भाजपा सरकार को घेरा

देहरादून, 15 मार्च (हि.स.)। इंडी एलायंस ने विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार को जमकर घेरा और नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उत्तराखंड में वन अधिकार कानून, नजूल भूमि अधिनियम, मलिन बस्ती अधिनियम और अन्य जनहित नीति पर इंडी एलायंस आने वाले समय में अभियान चलाएगा।

दरअसल, इंडी एलायंस गठबंधन के विभिन्न दल शुक्रवार को प्रेस क्लब में मीडिया से संयुक्त बातचीत कर रहे थे। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि शहर की मलिन बस्तियों के पुनर्वास एवं नियमितीकरण के लिए वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार ने अधिनियम बनाया था। व्यापक जन आंदोलन के बाद वर्ष 2018 में सरकार ने पुनर्वास कराने के नाम पर कानूनन बेदखली पर रोक लगायी थी। वह कानून इस साल खत्म हो रहा है। जहां तक देहरादून शहर की बात है, वर्ष 2017 और वर्ष 2022 के बीच इन कानूनों के अमल पर एक बैठक तक नहीं हुई। किसी भी बस्ती का नियमितीकरण या पुनर्वास पर चर्चा भी नहीं हुई है।

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि वन अधिकार कानून यूपीए सरकार के समय बना था। वर्ष 2015 में किये गये एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखंड में इसके अंतर्गत कम से कम 6,91,488 हेक्टेयर वन जमीन पर स्थानीय पहाड़ी गांव वासियों का प्रबंधन एवं रक्षा करने का हक है। लोगों को उनका अधिकार देने के बजाय वन जमीन से लगातार मकानों, दुकानों एवं धर्म स्थलों को बेदखल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नजूल भूमि पर बसे लोगों के लीज का नियमितीकरण के लिए 2021 में पारित हुए विधेयक पर सरकार आज तक केंद्र से मंजूरी लेने में असमर्थ रही। 3,20,000 से ज्यादा हेक्टेयर नजूल भूमि पर लाखों लोग रह रहे हैं। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अरबों की सब्सिडी के साथ सरकारी जमीन बड़े कार्पोरेट घरानों को सस्ते रेट पर 99 वर्ष की लीज पर देना चाह रही है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एस सचान, सीपीआई के नेशनल काउंसिल मेंबर समर भंडारी, भाकपा माले के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सुरेंद्र सिंह सजवान, समाजवादी पार्टी के महामंत्री अतुल शर्मा ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/सुनील

   

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