बौद्धिक संपदा अधिकार पर पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित

हल्द्वानी, 18 मार्च (हि.स.)। हल्द्वानी स्थित उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी में सोमवार को बौद्धिक संपदा अधिकार पर कंप्यूटर साइंस विभाग द्वारा पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ प्रोफेसर जितेंद्र पांडे (डायरेक्टर स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड आईटी) ने किया।

कार्यशाला में मुख्य वक्ता विकास असावत (पेटेंट एंड ट्रेडमार्क एटर्नी) ने बताया कि पेटेंट कैसे अप्लाई किया जाता है तथा पेटेंट की वैद्यता कब तक रहती है और कंपनियां अपने ट्रेड सीक्रेट और ट्रेडमार्क को आईपीआर के अंतर्गत किस तरह रजिस्टर करवाती है। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेडमार्क और ट्रेड सीक्रेट को रजिस्टर करवाना अति आवश्यक होता है ताकि कोई भी आपके ट्रेड सीक्रेट को कॉपी ना कर सके। आज के समय में नए इनोवेशन लगातार हो रहे हैं, नए इनोवेशन का पेटेंट कराकर इनका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर किया जा सकता है जिससे आर्थिक आए तो बढ़ाई जा सकती है। साथ ही यह नए स्टार्टअप को शुरू करने में भी सहायक सिद्ध होगा। कोई भी सरकारी संस्था अथवा एनजीओ, जीआई टैग को आईपीआर के अंतर्गत कैसे रजिस्टर करवा सकती है आदि विषयों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में हिमांशु गोयल (वैज्ञानिक यूकोस्ट) ने इंडीजीनस नॉलेज सिस्टम पर आईपीआर की उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने फोल्क कल्चर, फोल्क डांस व सांस्कृतिक धरोहर में आईपीआर के महत्व को बताया।

उक्त कार्यशाला में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी, डब्ल्यूआईटी देहरादून, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी भीमताल, एसएसजे अल्मोड़ा केंपस, पाल कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी हल्द्वानी, अपेक्स इंस्टिट्यूट रामपुर, सीमांत इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट पिथौरागढ़ आदि के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

कार्यशाला में उद्यमिता विकास केंद्र अहमदाबाद से ट्रेनर हितेन्दु परमुर, सुमित मिश्रा, डॉ बालम दफौटी, डॉ मनोज पाण्डेय , डॉ नीलिमा बुधानी, ललिता बिष्ट, डॉ शिल्पा गुणवंत, हिमानी शाह, आशीष जोशी व रिया गिरी आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/अनुपम/सत्यवान/वीरेन्द्र

   

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