दहेज हत्या के दोषी पति को 10 और सास-ससुर को 7-7 वर्ष कठोर कारावास की सजा

नैनीताल, 2 जुलाई (हि.स.)। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबीर कुमार की अदालत ने दहेज हत्या के अपराध में पति को 10 वर्ष एवं ससुर-सास को 7-7 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। जमानत पर चल रहे तीनों दोषियों को सजा सुनाने के बाद जेल भेज दिया गया। इसके अलावा मृत महिला की दो नाबालिग पुत्रियों को सरकार की ओर से सहायता राशि देने के आदेश भी दिये हैं।

मामले में जिला शासकीय अधिवक्ता-फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए। उन्होंने न्यायालय को बताया कि शबाना का निकाह वर्ष 2015 में मो. इरशाद पुत्र छोटे निवासी इन्द्रानगर के साथ सामर्थ्य के अनुसार पूरे दान-दहेज के साथ हुआ था। शादी के दो वर्ष बाद से ही शबाना को उसका पति मो. इरशाद, ससुर छोटे, सास सलमा, मामा सलीम कम दहेज लाने का ताना मारते थे। साथ ही दहेज में बुलेट मोटरसाईकिल लाने का दबाव डालते थे।

इसी बीच शबाना की दो पुत्रियां पैदा हुईं। इसके बाद उसे पुत्रियां पैदा होने और पुत्र ना होने का ताना देकर लगातार कोसा जाने लगा। कुछ समय पूर्व शबाना ने पिता को बताया था कि उसका पति व सास दो लाख रुपये अपने मायके से लाने का दबाव डाल रहे हैं। साथ ही मना करने पर गाली-गलौच व मारपीट कर रहे हैं।

इसके बाद 29 सितंबर, 2021 को शबाना की मृत्यु हो गयी। मामले को दबाने के प्रयास किये गये और शव का आनन-फानन में दाह संस्कार करने का प्रयास किया गया। उल्टी-दस्त से मौत बतायी गयी। पुलिस ने जब शव को कब्जे में लेकर देखा तो गले में निशान दिखायी दे रहे थे, जिससे लग रहा था कि उसको दहेज के लिए मार दिया है।

शर्मा ने बताया कि विवाहिता की मृत्यु अप्राकृतिक रूप से शादी के 7 वर्ष के भीतर उसके ससुराल में हुई थी, जहां पर तीनों अभियुक्त मौजूद थे। शबाना 29 जुलाई, 2021 को इरशाद के घर इन्द्रानगर बरसाती नूरी मस्जिद के पास फंदे पर लटकी हुई पायी गयी थी। इस मामले की विवेचना करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी शान्तनु पाराशर ने पति मो. इरशाद, ससुर छोटे व सास सलमा निवासी इंद्रा नगर नूरी मरिजद के पास बनभूलपुरा जनपद नैनीताल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा-304बी, 498ए व दहेज प्रतिशोध अधिनियम की धारा 3/4 के अंतर्गत आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया।

अभियोजन तथा बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले में इरशाद को भादंसं की धारा-304बी के अंतर्गत 10 वर्ष और ससुर छोटे व सास सलमा को 7-7 वर्ष के कठोर कारावास के साथ धारा 498ए के तहत 3-3 वर्ष के कठोर कारावास व 5-5 हजार रुपये अर्थदंड से भी दण्डित किया है। अर्थदंड अदा ना करने पर 3-3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनायी है। साथ ही दहेज प्रतिशोध अधिनियम की धारा 4 के अन्तर्गत तीनों दोषियों को 2-2 वर्ष के कठोर करावास व 5-5 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनायी है। अर्थदण्ड अदा ना करने पर 1-1 माह रुपये के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/चंद्र प्रकाश

   

सम्बंधित खबर