शिक्षकों को गैर शैक्षिक कार्यों से छूट की मांग को लेकर मुख्य सचिव को ज्ञापन

जम्मू। स्टेट समाचार
शिवसेना(यूबीटी) जम्मू-कश्मीर ईकाई ने  शिक्षकों को शिक्षक रहने देने तथा इन्हें दी जाने वाली स्पेशल ड्यूटी पर पढ़े-लिखे बेरोजग़ारी युवाओं को मौका दिए जाने की मांग की है। पार्टी प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी समेत उपाध्यक्ष संजीव कोहली ने उक्त मांगों को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लू से भेंट की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। पार्टी प्रदेश प्रमुख मनीश साहनी ने कहा कि शिक्षकों की स्पैशल ड्यूटी पर तैनाती को लेकर लगातार विरोध के स्वर उठते रहे हैं। शिक्षा का अधिकार कानून भी शिक्षकों को किसी भी तरह के गैर शैक्षणिक कार्य करने से रोकता है। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार आगंनबाडी कार्यकर्ता, पटवारी/अमीन/लेखपाल,स्वास्थ्य कार्यकर्ता, संविदा शिक्षक, मीटर रीडर, मिड डे मील कार्यकर्ता आदि को बतौर बीएलओ नियुक्ति का प्रवधान है, इनमें कही भी शिक्षक का उल्लेख नही हैं। साहनी ने कहा कि शिक्षक एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जिन्हें अन्य स्पैशल ड्यूटी में उलझाकर असली कर्तव्य से समझोता करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। साहनी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में साक्षरता दर मात्र 68 प्रतिशत है जो कि गहन चिंता का विषय है। साहनी ने कहा कि पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को इस तरह की स्पैशल ड्यूटी दिए जाने का सुझाव दिया है, जिससे जम्मू-कश्मीर में बढ़ती बेरोजग़ारी पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है।

   

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