लोकसभा चुनाव : उत्तराखंड में पहाड़ की चुनौतियों से पार पाने की कोशिश में जुटा निर्वाचन आयोग

- लोकतंत्र के महापर्व पर मतदाताओं की राह होगी आसान, मतदान प्रक्रिया सुगम

- इस बार 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य, अगली बार बंपर मतदान की तैयारी

देहरादून, 26 मार्च (हि.स.)। भारतीय लोकतंत्र में चुनाव दर चुनाव मतदान का तरीका और मतदान केंद्रों की तस्वीर बदलती गई। ऐसे में इस बार भी भारत निर्वाचन आयोग उत्तराखंड में पहाड़ की चुनौतियों से पार पाने की कोशिश में जुटा है और हर स्तर पर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ लोकतंत्र के महापर्व पर मतदाताओं की राह आसान बना रहा है। इस बार चुनाव आयोग का 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य है, लेकिन अगली बार बंपर मतदान की तैयारी है।

घर पर ही मतदान कर सकेंगे दिव्यांग और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता-

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग करते हुए कहा कि मतदान प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए राज्य में व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए घर पर जाकर मतदान की व्यवस्था होगी। 85 वर्ष से अधिक आयु के राज्य में 65 हजार 160 मतदाता हैं। ऐसे सभी मतदाताओं को फार्म उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें से 10 हजार 390 आवेदन प्राप्त हुए हैं। राज्य में 80 हजार 330 दिव्यांग (पीडब्ल्यूडी) मतदाता हैं। उनमें से पांच हजार 576 मतदाताओं ने पोस्टल बैलेट से वोटिंग के लिए आवेदन किया है। 25 मार्च को आवेदन करने की अंतिम तिथि थी। इसके बाद आने वाले आवेदन पर जिला निर्वाचन अधिकारी इन सभी मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान की सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

आठ अप्रैल से प्रारंभ होगी पोस्टल बैलेट से मतदान प्रक्रिया-

जनपद स्तर पर टीम डोर-टू-डोर मतदाता से संपर्क करेगी। राज्य में घर-घर जाकर पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान प्रक्रिया आठ अप्रैल से प्रथम चरण में तीन दिन के लिए प्रारंभ किया जाएगा। यदि जो मतदाता इन तिथियों में अपने घर पर उपलब्ध नहीं होंगे, उनके लिए 10 अप्रैल के बाद से द्वितीय चरण शुरू किया जाएगा।

मतदेय स्थलों पर सुविधा व्यवस्था की तैयारी तेज-

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि राज्य में 11729 मतदेय स्थलों में 97 से 98 प्रतिशत मतदेय स्थलों पर मतदाताओं के लिए रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड की व्यवस्था उपलब्ध है। कुछ मतदेय स्थलों पर रैंप, पेयजल, फर्नीचर, शेड आदि की वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

सक्षम एप दिव्यांग मतदाताओं के लिए बनेगा मददगार-

सभी दिव्यांग श्रेणी के चिन्हित मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सक्षम एप की व्यवस्था की गई है। राज्य में सक्षम एप के माध्यम से 1524 व्हीलचेयर के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं। डोली के लिए 994 तो स्वयंसेवक के लिए 5910। जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदाताओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

दृष्टिबाधित मतदाता भी कर सकेंगे मतदान-

ब्रेल की जानकारी रखने वाले दृष्टिबाधित मतदाताओं की सहायता के लिए ब्रेल आधारित प्रतियां उपलब्ध कराए जाएंगे। ब्रेल के अंकित बैलेट पेपर दृष्टिबाधित मतदाताओं के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

कार्मिकों के लिए निःशुल्क और कैशलेस चिकित्सकीय सुविधा-

निर्वाचन कार्मिकों के लिए निःशुल्क और कैशलेस चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए सरकारी और सूचीबद्ध अस्पतालों को इसमें शामिल किया जाएगा। आयुष्मान योजना से जुड़े कार्मिकों के अलावा जो कार्मिक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, उन्हें भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आकस्मिक सेवा के लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान-

राज्य में प्रत्येक बूथ के लिए बूथ लेवल हेल्थ मैनेजमेंट प्लान बनाया जा रहा है। हर बूथ पर जो भी टीम जाएगी उसे चिकित्सकीय सेवा के लिए किससे संपर्क करना है, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र एवं सामुदायिक केंद्र कौन सा होगा, इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। बूथों पर दवाइयों के आकस्मिक किट भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

सी-विजिल एप पर 8930 शिकायतों का निस्तारण-

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि सी-विजिल एप के माध्यम से अब तक राज्य में नौ हजार 318 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इनमें से 8930 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। 369 शिकायतें सही न पाए जाने पर ड्रॉप की गई हैं। 19 शिकायतों पर विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही गतिमान है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

   

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