लोकसभा चुनाव : अजमेर में पिछले तीन चुनावों से कांग्रेस का गिरता रहा मत शेयर, दो बार जीती भाजपा

अजमेर, 29 मार्च(हि.स)। अजमेर लोकसभा सीट के लिए इस बार मुकाबला स्थानीय बनाम स्थानीय से है। यानी कांग्रेस और भाजपा की ओर से मैदान में उतरे प्रत्याशी स्थानीय ही है। पिछले तीन चुनाव में कांग्रेस ने हर बार बाहरी उम्मीदवार उतारा नतीजा रहा कि उसे दो बार शिकस्त मिली। भाजपा ने एक बार बाहरी प्रत्याशी उतारा और सबक मिलने पर दोबारा गलती नहीं की इसलिए उसे दो बार जीत मिली।

कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रामचन्द्र चौधरी ने शुक्रवार को नामांकन दाखिल कर दिया। रामचंद्र चौधरी का मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के निर्वतमान सांसद भागीरथ चौधरी से होगा। भाजपा प्रत्याशी ने अभी अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है। जाट समुदाय से आने वाले दोनों ही नेताओं का राजनीतिक अनुभव भी अच्छा खासा है। रामचंद्र चौधरी जहां अजमेर दुग्ध उत्पादक सहकार समिति के विगत तीस सालों के एक छत्र अध्यक्ष है। चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं पर सफल नहीं रहे। इनमें तीन बार कांग्रेस के टिकट पर और एक बार निर्दलीय के रूप में वहीं भाजपा के भागीरथ चौधरी भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे है व दो बार किशनगढ़ के विधायक रह चुके हैं। इस बार सांसद रहते पार्टी ने विधायक का चुनाव लड़वाया था किन्तु हार गए। पिछले चुनाव में कांग्रेस के रिजु झुनझुनवाला को हराकर सांसद का चुनाव जीते थे। उस चुनाव में उनकी जीत का अन्तर करीब सवा चार लाख मतों से अधिक का रहा था। देखा जाए तो पिछले तीन लोक सभा चुनावों में 2009, 2014 और 2019 में से दो बार भाजपा ने विजय पायी है जबकि एक बार वर्ष 2009 में कांग्रेस के सचिन पायलट ने भाजपा कि किरण माहेश्वरी को मात्र 76 हजार मतों से हरा कर जीत दर्ज की थी। आंकड़े बताते हैं कि इस चुनाव में मतों का शेयर भाजपा के साथ 43 प्रतिशत रहा जबकि कांग्रेस के साथ 52 प्रतिशत से अधिक रहा था। दोनों ही उम्मीदवार बाहर के थे।

इसके बाद के चुनाव 2014 में जब भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार सांवरलाल जाट को विधायक रहते हुए कांग्रेस का चुनाव लड़वाया तो भाजपा को 55 प्रतिशत से अधिक मत मिले और कांग्रेस 40 प्रतिशत मतों के साथ चुनाव हार गई थी। तब कांग्रेस ने सचिन पायलट को उम्मीदवार बनाया था। जनता ने स्थानीय को पसंद किया। इसके बाद 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने फिर से वही गलती की रिजु झुनझुनवाला को अजमेर से प्रत्याशी बनाया कांग्रेस का मत प्रतिशत 40 से भी घटकर 31 प्रतिशत पर आ गया। इस बार भाजपा के स्थानीय नेता भागीरथ चौधरी 64 प्रतिशत मत शेयर के साथ सवा चार लाख मतों के अंतर से जीत गए।

रामचंद्र चौधरी ने जनता जनार्दन के कदमों में रखी पगड़ी

कांग्रेस के टिकट पर नामांकन दाखिल करने वाले रामचंद्र चौधरी अपने समर्थकों के साथ नौ नम्बर पेट्रोल पम्प के पास स्थित समारोह स्थल से सीधे कलेक्ट्रेट पहुंचे और नामांकन दाखिल किया। इससे पूर्व उनके समर्थन में जुटी जनता की सभा में चौधरी ने पगड़ी सिर से उतार कर उनके कदमों में रखी और जीत के लिए जीजान लगाने का भरोसा मांगा। यह बात ओर रही कि नामांकन दाखिल करने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर से कोई बड़ा नेता उपलब्ध नहीं हो सका। चौधरी ने एक दिन पहले ही इस सभा को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी रंधावा के पहुंचने का दावा किया था किन्तु वे ऐन वक्त तक इंतजार करने के बाद भी नहीं आए। इस दौरान उनकी पत्नी साथ में रहीं। कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल करने के दौरान किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी, नगर निगम प्रतिपक्ष नेता द्रोपदी कोली, पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, उनकी पत्नी व अन्य लोग मौजूद रहे।

आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेन्द्रसिंह राठौड़, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, महेन्द्र सिंह गुर्जर, नसीम अख्तर, निवर्तमान देहात अध्यक्ष भूपेन्द्रसिंह राठौड़, निवर्तमान शहर अध्यक्ष विजय जैन, सुनील लारा आदि चौधरी के नामांकन सभा में नजर आए। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे कई नेता भी नदारद रहे। ऐसे में इनके नामों को लेकर चर्चा रही।

भाजपा प्रत्याशी का प्रधान कार्यालय खुला प्रचार शुरू...

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी निवर्तमान सांसद भागीरथ चौधरी ने विधि विधान से प्रधान चुनाव कार्यालय का शुभारम्भ कर प्रचार प्रसार के काम को गति दे दी है। उनके चुनाव कार्यालय के उद्धाटन के मौके पर उप मुख्य मंत्री दीयाकुमारी प्रेम चंद बैरवा सहित अजमेर की आठों विधान सभाओं में से सात विधानसभाओं के विधायक एवं पूर्व व वर्तमान पदाधिकारी उपस्थित हुए। सभी ने अबकि बार 400 पार के नारे के साथ भाजपा के पक्ष में मत समर्थन जुटाने का संकल्प व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि लोकसभा आम चुनाव-2024 के लिए अजमेर में द्वितीय चरण के लिए 28 मार्च को अधिसूचना जारी करने के साथ नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले दिन कोई नामांकन दाखिल नहीं हुआ था जबकि करीब 6 नामांकन पत्र खरीदे गए थे। नामांकन 4 अप्रेल तक दाखिल किए जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 5 अप्रेल को होगी तथा 8 अप्रेल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। मतदान 26 अप्रेल को होगा। मतगणना 4 जून को होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/संतोष /ईश्वर

   

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