ईस्टर मृत्यु पर विजय और आशा का त्योहार : बिशप विनय कंडुलना

खूंटी, 31 मार्च (हि.स.)। प्रभु यीशु मसीह की मृत्यु के उपरांत उनके जी उठने की खुशी में रविवार सुबह आरसी चर्च में मसीही समुदायों द्वारा ईस्टर पर्व श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। बिशप विनय कंडुलना ने चर्च में विशेष मिस्सा अनुष्ठान कराया।

मौके पर बिशप ने अपना संदेश सुनाया, जिसका सार था पुनरुत्थान हमारे विश्वास और जीवन का आधार है। इसी से हमें आशा और शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि ईस्टर मृत्यु पर विजय और आशा का त्योहार है। यह पर्व लोगों के लिए खुशियां लाता है। लोगों में प्रभु यीशु मसीह के प्रति विश्वास पैदा करता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हम लोगों की रक्षा के लिए प्रभु यीशु मसीह को इस धरती पर भेजा। इससे पूर्व शनिवार की रात आरसी चर्च परिसर के मैदान में सैकड़ों विश्वासी पास्का जागरण धर्म विधि के साक्षी बने। यह धर्म विधि ईस्टर (यीशु के पुनरूत्थान) को लेकर की जाती है।

मुख्य अनुष्ठाता खूंटी धर्म प्रांत के बिशप विनय कंडुलना थे, उनका सहयोग फादर विशु बेंजामिन आईंद और फादर अमृत लकड़ा कर रहे थे। इस दौरान सबसे पहले आग एवं पास्का मोमबत्ती की आशीष की गई। पास्का मोमबत्ती से मैदान में मौजूद विश्वासियों ने अपनी मोमबत्तियों को जलाया। मौके पर नए एवं पुराने व्यवस्थान से पाठ पढ़े थे। बिशप विनय कंडुलना ने पास्का जागरण का महत्व बताया। इधर छोटानागपुर डायसिस अंतर्गत उत्तर भारत की कलीसिया सीएनआई चर्च, संत अंद्रियास उपासना तपकारा पेरिश में पवित्र पुनरुत्थान पर्व हर्साेल्लास के साथ संपन्न हुआ पुरोहित रेव्ह मनु महेश हांसदा, तपकारा पेरिश केन्द्र के प्रचारक जोन तोपनो एवं विभिन्न मण्डियों से उपस्थित प्रचारकों ने सामूहिक आराधना में शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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