बंगाल के राज्यपाल ने संदेशखाली से की विश्वविद्यालयों के माहौल की तुलना

कोलकाता, 05 अप्रैल (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को राज्य के विश्वविद्यालय के माहौल की तुलना संदेशखाली से की है जिसे लेकर विवाद खड़ा हो सकता है। गवर्नर ने दावा किया कि राज्य में विश्वविद्यालय परिसर लघु-संदेशखाली बन गए हैं। उन्होंने हिंसा, भ्रष्टाचार और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालयों के दुरुपयोग की न्यायिक जांच का आदेश पहले ही दिया है। राज्यपाल होने के नाते बोस राज्य संचालित सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को देखने के लिए उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन करेंगे।

राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, “राज्यपाल ने महसूस किया है कि सभी राज्य संचालित विश्वविद्यालय परिसर मिनी संदेशखाली बन गए हैं। आज, उन्होंने पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार, हिंसा, चुनाव प्रचार और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालय परिसरों के दुरुपयोग की न्यायिक जांच का आदेश दिया है।”

हाल ही में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोप लगाए गए थे। राज्यपाल की तरफ से न्यायिक जांच के लिये यह आदेश प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु द्वारा 30 मार्च को गौर बंग विश्वविद्यालय में राजनेताओं के साथ बैठक के एक दिन बाद आया है। राज्यपाल ने उन पर चुनावी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और उन्हें कैबिनेट से हटाने की सिफारिश की है।

राज्यपाल ने आरोप लगाया कि संस्थान परिसर में बैठक आयोजित कर बसु ने विश्वविद्यालय प्रणाली को बदनाम किया है। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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