असंवेदनशीलता बर्दाश्त नहीं, सख्त कार्रवाई होगी - शुभ्रा सिंह

जयपुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। जनसेवा और जीवन रक्षा का उद्देश्य ही सर्वोपरि है। स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में किसी भी स्तर पर असंवेदनशील रवैया या लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में दोषी अधिकारी या कार्मिक के साथ-साथ संबंधित उच्च अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

सिंह शनिवार को स्वास्थ्य भवन में मौसमी बीमारियों, चिकित्सा संस्थानों के लिए भूमि की उपलब्धता, फायर एनओसी सहित अन्य विषयों पर आयोजित राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि विगत दिनों में कुछ चिकित्सा संस्थानों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें चिकित्सकों एवं अन्य कार्मिकों का मरीजों के प्रति असंवेदनशील रवैया रहा। ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त को निर्देश दिए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए चिकित्सा प्रबंधन से संबंधित एसओपी और गाइडलाइंस को और सुदृढ़ बनाया जाए। साथ ही, अस्पताल प्रबंधन पूरी गंभीरता के साथ व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मौसमी बीमारियों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इस बार मौसमी बीमारियों की रोकथाम और प्रसार को रोकने के लिए पूर्व तैयारियां सुनिश्चित की जा रही हैं। मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रदेश में एक अप्रैल से मलेरिया क्रेश प्रोग्राम चलाया जा रहा है, ताकि बारिश के मौसम में इस बीमारी का प्रसार नहीं हो। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी जमीनी स्तर पर जिम्मेदारी के साथ काम करें। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, पीएमओ सहित पूरा सिस्टम प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ काम करें।

सिंह ने कहा कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए अंतर्विभागीय समीक्षा साप्ताहिक रूप से की जाएगी। जिला और ब्लॉक स्तर पर भी मौसमी बीमारियों की साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी मलेरिया, डेंगू आदि मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा सामने आएं, वहां बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित करें। स्थानीय निकाय विभाग समझाईश के बाद भी पानी भराव की स्थिति पाए जाने पर चालान की कार्यवाही करें।

सिंह ने कहा कि स्थानीय निकाय विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, सहित सभी संबंधित विभागों के साथ बेहतर समन्वय कर समुचित तैयारियां की जाएं। अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। सोर्स रिडक्शन, इनडोर स्प्रे और एंटी लार्वा गतिविधियां करने के साथ ही आमजन और स्कूलों में बच्चाें को इन बीमारियों से बचाव के लिए आईईसी गतिविधियां की जाएं। मौसमी बीमारियों से जुड़ी सभी गतिविधियों एवं केसेज की दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाए।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए अस्पतालों में मरीजों एवं परिजनों के लिए पानी एवं छाया का समुचित प्रबंध हो। साथ ही, इस मौसम में बिजली उपकरणों के अधिक उपयोग के कारण आग लगने की घटनाओं की आशंका रहती है। इसे देखते हुए अस्पतालों में फायर सेफ्टी सिस्टम की क्रियाशीलता की जांच करवाई जाए। साथ ही फायर सेफ्टी ऑडिट एवं एनओसी की कार्यवाही भी शीघ्र की जाए।

सिंह ने कहा किभूमि की उपलब्धता के अभाव में कई चिकित्सा संस्थानों के भवनों का निर्माण नहीं हो पा रहा है। ऐसे भवनों के लिए भूमि चिन्हित करने की कार्यवाही शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सुविधाएं सुदृढ़ करने की दृष्टि से प्रदेश भर में चिकित्सा संस्थानों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। जिन संस्थानों का अभी तक निरीक्षण नहीं हुआ है। उनका प्राथमिकता के साथ निरीक्षण किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही, निरीक्षण के उपरांत भी जिन अस्पतालों में व्यवस्थाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है, वहां जल्द सुधार किया जाए, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्रकुमार सोनी, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, आरएमएससी की प्रबंध निदेशक नेहा गिरी, अतिरिक्त निदेशक आरएच डॉ. प्रवीण एवं स्थानीय निकाय विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायतीराज विभाग सहित संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष, संयुक्त निदेशक जोन, सीएमएचओ, अधिशाषी अभियंता, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, स्थानीय निकायों के स्वास्थ्य अधिकारी, एसएसएच लैब इंचार्ज, जिला एपिडिमियोलॉजिस्ट, एंटोमोलोजिस्ट एवं वीबीडी सलाहकार भी वीसी से जुडे।

हिन्दुस्थान समाचार/ इंदु/संदीप

   

सम्बंधित खबर