सीएसजेएमयू में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत हुए 115 से अधिक शोध पत्र

कानपुर, 06 अप्रैल (हि.स.)। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में सतत प्रबन्धक प्रथाओं पर स्कूल ऑफ बिजिनेस मैनेजमेंट विभाग की ओर से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। दूसरे दिन शनिवार को इस सम्मेलन में देश विदेश से लगभग 500 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया और 115 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गये।

इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सस्टेनेबल मैनेजमेंट प्रैक्टिसेज का दूसरा दिन सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य सतत प्रबंधन प्रथाओं से संबंधित विभिन्न प्रमुख पहलुओं पर केन्द्रित रहा। कहा गया कि आज की दुनिया में स्थायी प्रबंधन प्रथाएं पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि हम सामाजिक एवं आर्थिक असमानताओं के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि और संसाधन की कमी जैसी पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। तकनीकी सत्रों में सतत बैंकिंग,सतत प्रबंधन के माध्यम से उद्यमिता को बदलने में महिलाओं की भूमिका,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ट्रांसफॉर्मिंग द मैनेजमेंट डोमेन जैसे कई पहलुओं पर शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। कुछ पत्रों में वित्तीय साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका,फलती-फूलती भारतीय अर्थव्यवस्था को नया आकार देने में वित्तीय निवेश निर्णयों पर जोर दिया गया।

सीएसजेएमयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए शोध पत्र जिसके फलस्वरूप समाज एवं निति निर्माताओं को इस विषय की गंभीरता का एहसास होगा और हमारा देश सतत प्रबंधन के द्वारा स्वावलम्बन को प्राप्त कर सकेगा। प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में यह शोध पत्र प्रकाशित किए जाएंगे।

इस दौरान पेन्जा विश्वविद्यालय रूस के विभाग प्रमुख प्रोफेसर लेयला गामिदुल्लाएवा अतिथि वक्ता थे और उन्होंने एक प्रस्तुति के माध्यम से सतत प्रबंधन प्रथाओं पर अपनी मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। आईआईएम शिलांग के प्रोफेसर संजय मुखर्जी ने भी अपने विचार व्यक्त किए और उनकी उपस्थिति ने सम्मेलन में एक महान मूल्य जोड़ा। डॉ तातियाना राजुवेवा पेन्जा विश्वविद्यालय रूस भी सम्मेलन में शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/राजेश

   

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