शिवशंकर चैतन्य भारती जी महाराज के वैकुंठ गमन पर बाबा धाम में दी गई श्रद्धांजलि

वाराणसी,08 अप्रैल (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ दरबार के अनन्य भक्त, शिवशंकर चैतन्य भारती जी महाराज के वैकुंठ गमन पर धर्मप्राण शिवभक्त शोकाकुल है। सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम में मंदिर न्यास के सदस्यों, अफसरों एवं मंदिर में नियमित दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं ने दो मिनट का मौन रख भारती महाराज को श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान श्रद्धालुओं ने कहा कि धाम की ब्रह्म मुहूर्त मंगला आरती में उनकी उपस्थिति सदैव अनुभूत होगी। दिव्यात्मा संत की कमी खलेगी। भारती महाराज को लोग चलते फिरते बाबा विश्वनाथ का स्वरूप मानते थे। भक्तों ने कहा कि वह अस्वस्थ होने के बाद भी व्हीलचेयर से प्रतिदिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर आते थे। वह बाबा विश्वनाथ के सानिध्य में प्रात: ढाई बजे से सायंकाल छह बजे तक अनवरत गर्भगृह में बैठ कर अभिषेक करते थे।

बताते चले महादेव के साधक स्वामी शिवशंकर चैतन्य भारती (108) का रविवार शाम निधन हो गया। उन्होंने लक्सा स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल मीडिया के जरिए शोक जताया। शिव साधक भारती जी महाराज का जन्म राजस्थान के निमेड़ा गांव में हुआ था। उनकी साधना स्थली काशी रही। खास बात यह रही कि भारती जी महाराज साधना काल में किसी से भी नहीं मिलते थे। किसी से कोई दक्षिणा आदि ग्रहण नहीं करते थे। उन्होंने समाज से विरक्त होकर 20 वर्ष की उम्र में संन्यास धर्म स्वीकार कर लिया था।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित

   

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