रायगढ़ इंसेंटिव घोटाला : आरोपितों के सामने ही लिया पीड़ितों का बयान

रायगढ़ , 8 अप्रैल (हि.स.)। रायपुर से आई तीन सदस्यीय टीम और जिलास्तरीय जांच समिति पर शिकायतकर्ताओं ने गंभीर आरोप लगाया है।

सोमवार को रायपुर से तीन सदस्यीय टीम जिला अस्पताल इंसेटिव घोटाले की जांच के लिए पहुंची। टीम मंगलवार तक रायगढ़ में रुकेगी। सोमवार को हुई जांच से शिकायतकर्ता असंतुष्ट थे, क्योंकि जिन लोगों पर इंसेटिव घोटाले की जांच का आरोप है उन्हीं के सामने जांच टीम ने बयान लिया और आमने-सामने सवाल-जवाब भी किया। जिलास्तरीय टीम पर भी आरोप है कि वह इस पूरे मामले को रफा-दफा करने में लगी है तभी तो उसने बेगुनाह 4 डाटा इंट्री ऑपरेटर्स को बलि का बकरा बनाते हुए निलंबित कर दिया।

जिन 48 लोगों ने इंसेंटिव घोटाले की शिकायत कलेक्टर, स्वास्थ्य मंत्री, विधायक समेत कई लोगों तक की है उन्हें जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए सिविल सर्जन ने बुलाया। रायपुर से आई जांच समिति में एक डॉक्टर, एक एकाउंट विभाग से और एक नोडल अधिकारी आयुष्मान योजना के है। जिलास्तरीय जांच टीम डॉ. भानू पटेल, एकाउंट ऑफिसर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक औऱ सीएस डॉ. आरएन मंडावी समेत 5 लोग हैं।

रायपुर की टीम ने एक-एक कर पीड़ितों को बुलाया और कथित आरोपित प्रोग्राम मैनेजर मनीष नायक और आयुष्मान योजना के जिला नोडल अधिकारी तिलेश दीवान के सामने ही बयान दर्ज करने लगे। कई मौकों पर दोनों की पीड़ितों से नोंक-झोंक भी हुई पर इससे जांच दल को कोई फर्क नहीं पड़ा। नर्सिंग स्टाॅफ ने तो जमकर भड़ास निकाली और सभी ने एक स्वर में अपने हक के पैसे की मांग की। लैब टैक्निशियनों ने भी पैसा मांगा और घोटाले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की।

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि यह जांच सिर्फ दिखावा है अन्यथा जिन पर आरोप है उन्हें साथ बिठाकर बयान नहीं लिया जाता। हम इस जांच से असंतुष्ट हैं। पैसे की रिकवरी के साथ ही नियमानुसार दोषियों के निलंबन की कार्रवाई हो।

जांच टीम के सामने तब अजीब स्थिति पैदा हुई जब जिला चिकित्सालय के आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश चेतवानी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए बताया कि उन्हें जिला अस्पताल के डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत आए इंसेंटिव के बारे में कोई जानकारी नहीं है और न ही उनसे होकर कोई फाइल आगे बढ़ी है। इस पर टीम ने कहा कि अब तक जरूरी नहीं है कि अस्पताल के नोडल के पास से फाइल आगे बढ़े, सीएस काफी हैं। पर आगे से अस्पताल के नोडल से होकर फाइल आगे बढ़े ऐसी व्यवस्था की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ रघुवीर प्रधान

   

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