गणगौरी तीज गुरुवार को, गवर माता की निकाली जाएगी सवारी

जोधपुर, 10 अप्रेल (हि.स.)। मारवाड़ की सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला गणगौर का त्योहार चैत्र शुक्ला तीज गुरुवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन होली के दूसरे दिन से प्रारंभ हुआ गवर पूजन का समापन किया जाएगा। इससे पहले तीज की पूर्व संध्या पर बुधवार को लोटियों के मेले की धूम रहेगी। गवर पूजने वाली तीजणियां विभिन्न क्षेत्रों से पूरे एक पखवाड़े बाद गवर माता को पानी पिलाने के लिए विभिन्न धातुओं के पात्र लेकर पवित्र जलाशयों पर जाएगी और लोटियों को जल से भरने के बाद समूह के रूप में शीश पर गाजे-बाजों संग गवर पूजन स्थल पर गवर माता को पानी पिलाने की रस्म पूरी करेगी।

गणगौर समिति की ओर से गणगौर का त्योहार चैत्र शुक्ला तीज 11 अप्रेल को मनाया जाएगा। इस अवसर पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा के लिए पार्वती रूपी गवर माता को विशेष रूप से करीब पांच चार किलो स्वर्णाभूषणों से सजाया जाएगा। शोभायात्रा गुरुवार को शाम 5.30 बजे राखी हाउस से निकाली जाएगी। शोभायात्रा में इस बार माताजी का श्रंगार मोतियों से होगा और रंग बिरंगी रोशनी से जगमगाया जाएगा। शोभायात्रा में धार्मिक ऐतिहासिक झाकियों का समावेश होगा। मेला संयोजक राजकुमार व्यास ने बताया कि शोभायात्रा में करीब आठ बग्गियां, बीस ट्रैक्टर में झाकियां होगी।

बता दे कि माता गणगौर की पूजा चैत्र कृष्ण प्रथम यानी धुलंडी से शुरू होकर चैत्र शुक्ल तृतीया यानी तीसरे नवरात्र को पूरी होती है। यह 16 दिन तक चलने वाली गणगौर पूजा यूं तो राजस्थान का मुख्य पर्व है, लेकिन उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और गुजरात के कुछ इलाकों में भी यह त्योहार मनाया जाता है। गणगौर को गौरी तृतीया भी कहते हैं। अखंड सौभाग्य के लिए मनाया जाने वाला गणगौर पर्व मनाने के लिए कुंवारी लड़कियां और सुहागिन महिलाएं घर-घर में गणगौर यानी शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इसमें ईसर और गौर यानी शिव-पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर सोलह शृंगार कर सजाया जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/सतीश/संदीप

   

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