पश्चिम बंगाल में आतंकियों की गिरफ्तारी पर भाजपा-तृणमूल में छिड़ी जुबानी जंग

कोलकाता, 12 अप्रैल (हि.स.)। बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में पश्चिम बंगाल से दो आतंकियों की शुक्रवार को हुई गिरफ्तारी से राज्य में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासन ने राज्य को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बना दिया है। वही भाजपा की टिप्पणी पर तृणमूल और पश्चिम बंगाल पुलिस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कहा गया कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने राज्य पुलिस की मदद से आरोपितों को गिरफ्तार किया।

पश्चिम बंगाल भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट में दो मुख्य संदिग्धों, हमलावर मुसव्विर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन अहमद ताहा को कोलकाता से हिरासत में लिया। दोनों संभवतः कर्नाटक के शिवमोगा में आईएसआईएस सेल से संबंधित हैं। दुर्भाग्य से, पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी के तहत आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।’’ मालवीय के पोस्ट के कुछ ही मिनट के भीतर, तृणमूल नेता कुणाल घोष ने दावा किया कि आरोपितों को एनआईए ने पश्चिम बंगाल पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने बेंगलुरु-कैफे विस्फोट के संबंध में गिरफ्तारी के माध्यम से बहुत बढ़िया काम किया है। यहां तक कि एनआईए ने भी अपने बयानों में इसे स्वीकार किया है। किसी भी विरोधी ताकत से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। लेकिन मैं भाजपा और उनके चेलों से पूछना चाहता हूं- ये गिरफ्तारियां कहां से की गई हैं? कांथी! हम सभी जानते हैं कि कौन सा परिवार और भाजपा का मुख्य नेता कोंटाई से अवैध गतिविधियां चलाता है।’’

उल्लेखनीय है कि कांथी या कोंटाई को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है। घोष ने राज्य एजेंसियों से घटना में अधिकारी परिवार की कथित भूमिका की जांच करने का अनुरोध किया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी भाजपा के दावों को झूठा बताया। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल पुलिस ने भाजपा और उनके सस्ते ट्रोल के झूठ का पर्दाफाश किया है। झूठ अपने चरम पर है। अमित मालवीय द्वारा किए गए दावों के विपरीत, तथ्य यह है कि रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्धों को पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा एक संयुक्त अभियान में पूर्व मेदिनीपुर से गिरफ्तार किया गया है। मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस की सक्रिय भूमिका को आधिकारिक तौर पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा स्वीकार किया गया है।” पुलिस ने कहा कि बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और यहां की सरकार अपने लोगों को नापाक गतिविधियों से सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहेगी।

दरअसल एनआईए ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में मास्टरमाइंड सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि मुसव्विर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा को कोलकाता के पास उनके ठिकाने का पता लगाकर एनआईए टीम ने पकड़ लिया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

   

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