अमित शाह झूठ परोस कर गये : भूपेश

रायपुर, 14 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार भूपेश ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खैरागढ़ की चुनावी सभा में राज्य की भाजपा सरकार के कारनामों को छिपाकर बड़े बड़े झूठ बोलकर चले गए। उन्होंने महादेव ऐप के बारे में तो ढेर सारी बातें की लेकिन यह नहीं बताया कि अब जबकि डबल इंजन की सरकार है तो महादेव ऐप क्यों चल रहा है? उन्हें बताना चाहिए कि भाजपा ने महादेव ऐप को चालू रखने के लिए चलाने वालों से कितना चुनावी चंदा लिया है?

भूपेश ने कहा है कि महादेव ऐप पर कार्रवाई तो कांग्रेस की सरकार ने की थी और केंद्र की भाजपा सरकार से अनुरोध किया था कि महादेव ऐप को बंद करके उसके संचालकों को गिरफ़्तार कर लें लेकिन गिरफ़्तारी तो दूर की बात केंद्र सरकार ने महादेव ऐप को बंद तक नहीं करवाया। उन्होंने पूछा कि क्या वजह है कि महादेव सट्टा ऐप अभी भी बिना रोक टोक चल रहा है तो भाजपा ने उनसे कितना चंदा लिया है? उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से भाजपा लड़ नहीं पा रही है तो बेवजह आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम करने की साज़िश रच रही है।

उन्होंने कहा कि धर्म की बात करने वाले अमित शाह को बताना चाहिए उनकी पार्टी की सरकार ने गाय की देखभाल के लिए बने गौठानों को बंद कर दिया? क्यों गोबर की खरीद बंद हो गई? और क्या वजह है कि भाजपा की सरकार बनते ही गौ-तस्करी शुरू हो गई? और गौ तस्करी इसी राजनांदगांव ज़िले के बाघ नदी वाली सीमा से हो रही है। अमित शाह को यह भी बताना चाहिए कि यदि वे इतने ही गौरक्षक हें तो उनकी पार्टी ने गौमांस तैयार करने वाली कंपनी से करोड़ों रुपयों का चंदा क्यों लिया?

अमित शाह पर तमाम तरह के झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि “हमने गंगाजल हाथ में लेकर किसानों की कर्जमाफ़ी और प्रति क्विंटल 2500 रुपये देने का वादा किया था और वह हमने समय पर पूरा कर दिया था। शराबबंदी को लेकर कोई शपथ हमने नहीं ली थी और हम धीरे धीरे शराबबंदी की ओर बढ़ रहे थे। भूपेश ने कहा कि या तो प्रदेश के भाजपा नेता अमित शाह को सच नहीं बता रहे हैं, या फिर अमित शाह आदतन झूठ बोल रहे हैं।

तीन साल में नक्सली समस्या हल करने के दावे को आड़े हाथों लेते हुए भूपेश ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता इस बात की गवाह है कि भाजपा की सरकार बनते ही बस्तर में नक्सली घटनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के पांच साल में नक्सलियों के नाम पर आदिवासियों की प्रताड़ना बंद हो गई थी पर भाजपा की सरकार आते ही फ़र्जी एनकाउंटर फिर शुरु हो गए हैं। इसलिए कम से कम भाजपा को नक्सली हिंसा खत्म करने की बात नहीं करनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ चंद्रनारायण शुक्ल

   

सम्बंधित खबर